रायपुर। DA और HRA के विरोध में आज से 9 दिन प्रदेश के दफ्तर बंद रहेंगे। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले महंगाई और गृहभाड़ा भत्ता की चल रही लड़ाई अब आरपार की लड़ाई बन गयी है। 29 जून को एकदिवसीय सांकेतिक प्रदर्शन के बाद अभी से ही कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने लंबी लड़ाई के लिए ताल ठोंक दिया है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश में 25 जुलाई से 29 जुलाई पांच दिवसीय आंदोलन का किया गया है। आंदोलन तो 25 जुलाई से होना है, लेकिन दफ्तर में आज से ही ताला लटक जायेगा। इस आंदोलन में भी कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने सिर्फ दो ही मांग रखी है। पहला केंद्र के समान महंगाई भत्ता और दूसरा सातवें वेतनमान के अनुरूप HRA। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का दावा है कि 29 जून की तरह 25 से 29 जुलाई तक के प्रदर्शन में भी प्रदेश के सभी दफ्तर और स्कूल बंद रहेंगे।
प्रदर्शन की वजह से 9 दिन रहेंगे दफ्तर बंद –
कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने 25 जुलाई यानि सोमवार से 29 जुलाई यानि शुक्रवार तक प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस दौरान मंत्रालय व संचालनालय सहित लगभग सभी दफ्तर बंद रहेंगे। लेकिन इस 5 दिवसीय आंदोलन की वजह 9 दिनों तक दफ्तरों में ताला लटकेगा। दरअसल सोमवार 25 जुलाई से पहले 23 जुलाई को शनिवार छुट्टी और रविवार 24 जुलाई को रविवार की छुट्टी है। 25 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत होगी और 29 जुलाई तक चलेगी। उसके बाद फिर 30 जुलाई शनिवार और 31 जुलाई जुलाई रविवार को दफ्तर बंद होंगे। इस तरह कुल मिलाकर 9 दिन दफ्तर बंद रहेंगे।सोमवार से स्कूलों में लटकेगा ताला
वहीं स्कूलों की बात करें तो DA-HRA को लेकर शिक्षक संगठन बंटा हुआ है। टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा, शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे और नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास राजपूत ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। वहीं प्रदेश के सबसे बड़े शिक्षक संगठन सहायक शिक्षक फेडरेशन ने सिर्फ 25 से 29 जुलाई तक ही हड़ताल पर रहने का फैसला लिया है। ऐसे में स्कूलों में भी पढ़ाई प्रभावित होगी।
12 प्रतिशत महंगाई भत्ता कम मिल रहा –
प्रदेश के कर्मचारी अभी महंगाई भत्ता के मामले में केंद्र सरकार से 12 प्रतिशत पीछे हैं। राज्य सरकार के कर्मचारियों को अभी 22 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जबकि केंद्र के कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। हालांकि जो सुगबुगाहट मिल रही है, उसके मुताबिक केंद्र फिर से अपने कर्मचारियों का 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ा सकता है, लिहाजा पूर्व की भांति एक बार फिर से राज्य सरकार के कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में 17 फीसद महंगाई भत्ता में पीछे हो जायेंगे। महंगाई भत्ता की वजह से प्रदेश के कर्मचारियों को हर महीने 3 हजार से 10 हजार रुपये तक का नुकसान हो रहा है।