रायपुर। हरियाली तीज से तीन दिन पहले हरियाली अमावस्या आती है। कहते हैं कि हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन पितरों का श्राद्ध तर्पण और दान-धर्म के कार्य उत्तम माने जाते हैं। इस साल हरियाली अमावस्या 28 जुलाई यानी आज मनाई जाएगी। हरियाली अमावस्या पर एक शुभ योग भी बन रहा है।
हरियाली अमावस्या की तिथि –
सावन मास की अमावस्या तिथि बुधवार, 27 जुलाई को रात 9 बजकर 11 मिनट से लेकर गुरुवार, 28 जुलाई को रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। उदिया तिथि के कारण हरियाली अमावस्या 28 जुलाई को ही मनाई जाएगी। हरियाली अमावस्या शुभ नक्षत्र में पड़ रही है. साथ ही गुरु पुष्य नक्षत्र का शुभ योग भी बन रहा है। इस योग को नक्षत्रों का राजा माना जाता है, इसलिए इसमें तर्पण, पिंडदान करना सबसे पुण्यकारी होता है।
हरियाली अमावस्या पर शुभ योग –
हरियाली अमावस्या पर सुबह 07 बजकर 05 तक पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से दो शुभ योग बनेंगे। इस दिन सभी सुहागिनें पूर्ण मनोयोग से शिव और पार्वती की कृपा पाने का जतन करती हैं।
पूजन विधि –
हरियाली अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. सूर्य देव को अर्घ्य दें। ऐसा माना जाता है कि हरी चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी बांटने से जीवनसाथी को लंबी उम्र मिलती है और घर में खुशियां भी आती हैं। हरियाली अमावस्या के दिन भक्त पीपल और तुलसी के पेड़ों की भी पूजा करते हैं और परिक्रमा करते हैं। इस दिन मालपुआ को प्रसाद के रूप में चढ़ाने की परंपरा है। इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है।