कबीरधाम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर दिए विवादित बयान को लेकर पूरे देशभर में उनकी निंदा की जा रही है। भाजपा महिला मोर्चा छत्तीसगढ़ की प्रदेश मंत्री और कबीरधाम जिला पंचायत की सभापति भावना बोहरा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर किये गए टिप्पणी की घोर निंदा करते हुए कहा कि यह केवल राष्ट्रपति जी का नही बल्कि पूरे आदिवासी समाज और देश की महिलाओं का भी अपमान है।
इससे पहले भी द्रौपदी मुर्मू जी के राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के बाद से ही लगातार उनके खिलाफ कांग्रेस पार्टी और उनके नेता टिप्पणी करते रहें हैं। कभी उन्हें कठपुतली तो कभी अन्य नामों से उनका उपहास करने का काम किया है। अधिररंजन चौधरी विपक्ष के नेता हैं जिन्हें सदन के लोगों ने चुना हैं ऐसे में उनके द्वारा इस प्रकार के बयान बेहद ही अशोभनीय है जिसके लिए उन्हें और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को भी द्रौपदी मुर्मू जी व देश की जनता से माफी मांगनी होगी।
भावना बोहरा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश की महिलाओं के उत्थान, सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं द्वारा देश के सर्वोच्च पद पर आसीन एक महिला के प्रति इस प्रकार की टिप्पणी कांग्रेस की महिला व आदिवासी विरोधी नीति और ओछी मानसिकता को दर्शाता है। जब से द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में घोषित हुआ तब से कांग्रेस पार्टी के नेता उनका उपहास कर रहें हैं। राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद भी उनके खिलाफ हमले रुकते नहीं दिख रहे हैं।
भावना बोहरा ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता जानते थे कि भारत की राष्ट्रपति को संबोधित करने का यह तरीका न केवल उनके संवैधानिक पद बल्कि समृद्ध आदिवासी विरासत का भी अपमान है। वह जानते थे कि राष्ट्रपति को इस तरह से नीचा दिखाना हमारे देश में महिलाओं की क्षमता को कम करना है। उसके बाद भी अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ के रूप में संबोधित किया, यह जानते हुए भी कि यह उस सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा को अपमानित करता है। उनके इस बयान से देश की जनता जान चुकी है कि कांग्रेस आदिवासी विरोधी, दलित विरोधी और महिला विरोधी है।
उन्होंने कहा कि इस अपमानजनक बयान के लिए अधीर रंजन चौधरी व कांग्रेस के नेताओं को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। एक महिला की अस्मिता पर इस प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी करना अशोभनीय है। आदिवासी समाज हमारे भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं और वहां से एक महिला निकलकर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होकर महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं उन्हें अपमानित करने का कार्य कांग्रेस पार्टी व उनके नेता द्वारा किया गया है जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी होगी।