रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश के कारण हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। ओडिशा और राज्य के कई हिस्सों में हो रही बारिश ने बांधों को भर दिया है। हसदेव बांगो, गंगरेल, सीकासार, सोंढूर, तांदुला समेत प्रदेश के ज्यादातर बांधों के गेट खोल दिए गए हैं। इसका पानी महानदी, शिवनाथ और उनकी सहायक नदियों के बहाव को बढ़ा रहा है और लगातार बाढ़ के हालात बनते जा रहे हैं। राज्य सरकार ने इसी कारण महानदी के पास के गांवों को खाली करने का निर्देश दिया है। ओडिशा में सोमवार सुबह महानदी पर बने हीराकुंड डैम के गेटों को खोल दिया गया। बांध से 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस बांध के खुलने से छत्तीसगढ़ को बड़ी राहत मिली है। अगर समय पर हीराकुंड बांध को नहीं खोला जाता, तो महानदी की वजह से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर हो जाती।
रायगढ़ कलेक्टर व एसपी पहुंचे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र –
रायगढ़ जिले में लगातार हो रही बारिश के बीच कलेक्टर रानू साहू और एसपी अभिषेक मीणा आज नाव से बाढ़ प्रभावित इलाकों के निरीक्षण में पहुंचे। विधायक प्रकाश नायक भी इस दौरान साथ रहे। यहां उन्होंने बाढ़ से प्रभावित बस्तियों में जाकर वहां के हालात देखे और राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया तथा विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। राहत शिविरों में शिफ्ट किए लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित सूरजगढ़ में पहुंचकर हालातों का जायजा लिया। इसके बाद नाव से बोरिदा पहुंचे तथा वहां जलभराव की स्थिति को देखा तथा प्रभावित निवासियों तथा पशुधन के राहत शिविर में शिफ्टिंग के बारे में जानकारी ली। पडिग़ांव, सरिया, छिछोरउमरिया में बने राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां शिफ्ट किए लोगों से मिल उनका हालचाल जाना और हर संभव मदद का भरोसा दिया। कलेक्टर ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों के आवास, स्वास्थ्य और खान-पान का पूरा ध्यान रखने तथा उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैय्या कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही परसापाली, चंगोरी, खपरापाली का भी उन्होंने निरीक्षण किया।
प्रत्येक प्रभावित गांव के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त –
आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला प्रशासन की ओर से जिले के तटवर्ती 41 पंचायतों में 67 गांवों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जिले में फिलहाल 29 गांव बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं। जिनमें सरिया के 22, पुसौर के 5 और सारंगढ़ के 2 गांव शामिल हैं। कलेक्टर रानू साहू ने सभी 41 पंचायतों में हालातों पर नजर रखने व राहत एवं बचाव कार्य में विभागीय समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। पुसौर तहसील में परसापाली, खपरापाली, सूरजगढ़, पडिग़ांव, चंगोरी अभी प्रभावित है। शिविर छिछोरउमरिया व पडिगांव में लगे हुए है। शिविर में अभी 500 से अधिक है। सारंगढ़ में टिमरलगा, छोटे घोटला, छतौना ये गांव प्रभावित है। टिमरलगा शिविर में 175 लोग है और छतौना शिविर की अब तैयारी शुरू हो गयी है। ईई इरिगेशन ने बताया कि महानदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। 02 बजे की स्थिति में कलमा बैराज के सभी 66 गेट खुले हुए हैं।
रायगढ़ कलेक्टर ने दिए ये निर्देश –
कलेक्टर साहू ने बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। जिससे प्रभावितों को मुआवजे की राशि जल्द दी जा सके। खपरापाली में बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण करते हुए सरपंच नित्यानंद भोय से बातचीत की एवं बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राहत शिविर में जाने की समझाइश दी एवं अन्य लोगों को समझाइश देने के निर्देश दिए।आपातकालीन स्थिति के मद्देनजर प्रत्येक राहत शिविर में एक एमबीबीएस डॉक्टर तैनात रखने के लिए सीएमएचओ डॉ.केशरी को निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने पर्याप्त दवाई के साथ बाढ़ की स्थिति में सर्पदंश के उपचार के लिए एंटी वेनम रखने के निर्देश दिए। पुसौर विकासखंड के पडिग़ांव शासकीय स्कूल में लगाए गए राहत शिविर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने राहत शिविर में आश्रय लिए हुए लोगों से चर्चा कर भोजन एवं अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इस दौरान बनाए जा रहे भोजन को उन्होंने चख कर देखा और सीईओ जनपद को खाने की क्वालिटी मेंटेन रखने के निर्देश दिए।
शिवरीनारायण में बाढ़ जैसे हालात –
महानदी का जल स्तर बढ़ने से शिवरीनारायण में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इसे देखते हुए SDRF के गोताखोरों को तैनात करने के साथ ही राहत और बचाव के लिए बोट, नाव तैयार की गई है। जांजगीर में जिला स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम को भी अलर्ट किया गया है। चांपा, जाजंगीर, सक्ती, पामगढ़ और डभरा के एसडीएम, जनपद सीईओं, तहसीलदारों को बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। शिविरों में लोगों के रहने और भोजन का इंतजाम किया गया है। डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगाई गई है।
पखांजूर में कोटरी नदी पुल डूबा –
कांकेर में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। पंखाजूर के बड़गांव में कोटरी नदी का जल स्तर बढ़ने से पुराने पुल पर तीन से चार फीट ऊपर पानी बह रहा है। बड़गांव-प्रतापपुर मार्ग पर आवागमन बंद हो चुका है। वहीं मंडागाव, घोटिया नाला उफान होने से दर्जनों गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लगातार बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। इससे निचले इलाके पीवी 63 और 64 संगम गांवों तक पानी पहुंचने लगा है। प्रशासन ने इन गांवों को अलर्ट जारी कर सावधानी बरतने कहा है।
छत्तीसगढ़ के डैम से छोड़ा जा रहा इतना पानी –
धमतरी जिला स्थित रविशंकर जलाशय (गंगरैल) से 52 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है, जबकि सोंढूर बांध से पांच हजार क्यूसेक, सिकासेर से 13 हजार 400 क्यूसेक पानी इस प्रकार कुल 70 हजार 400 क्यूसेक पानी महानदी में छोड़ा हो रहा है, जबकि शिवनाथ नदी पर बने मोंगरा बैराज, सूखा नाला बैराज और घूमरिया बैराज से 70 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा है। हीराकुंड बांध में अभी करीब 9 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है। ओडिशा के महानदी डेल्टा क्षेत्र में भारी बारिश और ओडिशा में बाढ़ की स्थिति के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पहल के बाद हीराकुंड बांध के अधिकारियों ने हीराकुंड से पानी छोड़ने पर सहमति व्यक्त की है। अभी तक, हीराकुंड से लगभग 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जोकि इसकी क्षमता का लगभग आधा है।