कबीरधाम डेस्क। ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की आयु में रविवार को निधन हो गया। उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में माइनर हार्ट अटैक आने के बाद दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर अंतिम सांस ली। स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था।
चंद्रप्रकाश उपाध्याय ने कहा –
श्री शंकराचार्य जनकल्याण न्यास कबीरधाम के प्रमख ट्रस्टी चंद्रप्रकाश उपाध्याय ने स्वामीश्री जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा स्वामी जी का चला जाना मेरे जीवन में अपूरणीय क्षति है, जो कुछ आज मेरे पास है वह गुरुदेव की वजह से है। मुझे जैसे छोटे से व्यक्ति को उन्होंने स्वीकार किया इससे बड़ा मेरे जीवन में और क्या हो सकता है।
शंकराचार्य स्वामी के नवरत्नों में चंद्रप्रकाश उपाध्याय का नाम –
01. पुज्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महराज
02. पुज्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज
03. ब्रह्मचारी सुबधानंद जी
04. दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री
05. चंद्रप्रकाश उपाध्याय
06. विवेक तनखा सांसद
07. रविंद्र चौबे मंत्री
08. सज्जन सराफ़ कोलकाता
09. किरण जानी अहमदाबाद
परमहंसी गंगा आश्रम में दी जाएगी समाधि –
बता दे कि शंकराचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका बेंगलुरु में इलाज चल रहा था। हाल ही में वह आश्रम लौटे थे। शंकराचार्य के शिष्य ब्रह्म विद्यानंद ने बताया- स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार को शाम 5 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी। स्वामी शंकराचार्य आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी।