कबीरधाम। स्वास्थ्य विभाग में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जानकारी मिली की एक ही परिवार के 02 व्यक्ति की उलटी -दस्त से मौत हो गई। 2 अन्य गंभीर है।
मामला जिले के बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत मुड़घुसरी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम बंजरिया का है। 30 सितम्बर को बैगा आदिवासी परिवार के चार लोगों की अचानक तबियत बिगड़ने लगी सभी लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित थे। उल्टी-दस्त से पीड़ित परिवार ने बिमारों को अस्पताल ले जाने के बजाए अंधविश्वास के चलते झाड़-फूक कराते रहे। दूसरे दिन सुबह ससुर और बहू की मौत हो गई। अन्य दो व्यक्तियों की स्थिति भी खराब होते देख बोड़ला सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र मे भर्ती कराया गया, तब मामले का खुलासा हुआ।
कवर्धा में झाड़ फूंक के चक्कर में गई जान –
जिला प्रशासन व स्वास्थ्य अधिकारी अपने पूरे दलबल के साथ ग्राम मुड़घुसरी के आश्रित ग्राम पहुंचे। गाँव के अन्य परिजन व ग्रामीणों का स्वस्थ्य चेकअप किया गया है। पीड़ित परिवार के बच्चों को डॉक्टरों की निगरानी मे अस्पताल मे रखा गया है। हालांकि बच्चे पूरी तरहा स्वस्थ बताया जा रहा है। पीड़ित परिवार द्वारा उपयोग करने वाली हेंडपम्प के पानी का सेम्पल टेस्ट के लिए भेजा गया है। वही अन्य बिमारों की स्थितिसामान्य बताई जा रही है।
सीएमएचओ का बयान –
सीएमएचओ सूजॉय मुखर्जी ने बताया की बंजरिया गांव में परिवार के 9 लोगों में 4 व्यक्ति की 30 सितम्बर को अचानक तबियत बिगड़ गई थी। परिजनों ने अंधविश्वास के चलते बिमार व्यक्तियों को इलाज ना कराके झाड़ फूक कराने दुसरे गाँव ले गए। झाड़फूंक के दौरान दो लोग ससुर और बहू की मौत हो गई। अन्य बिमारों की हालत बिगड़ता देख परिजनों ने एम्बुलेंस की मदद से बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे भर्ती कराया तब मामले का खुलासा हुआ। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम तत्काल गाँव पहुंची और परिवार के अन्य लोग व पूरे गाँव के ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच किया गया है। सभी का स्वास्थ्य सामान्य है। अनुमान लगाया जा रहा है की पीड़ित परिवार फूड़ पॉयजनिंग के शिकार हुए है। बावजूद एतिहातन ग्राम के हेंडपम्प का पानी सेम्पल के लिए भेजा गया है।
कलेक्टर ने की अपील –
कवर्धा कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने अपील जारी कर जिलेवासियों से कहा की दूषित खान-पान से बचें और घर के आसपास साफ सुथरा रखे, जिससे गंदगियों से होने वाली बिमारियों से बचा जा सके। कलेक्टर ने मृतक परिवार के लिए दुख जाहिर किया है और जिला प्रशासन से संवेदनशील होकर कार्य करने लोगों को जागरूक करने को कहा है। वही कलेक्टर ने झाड़ फूक या अन्य अंधविश्वास के बजाया बिमार होने पर सबसे पहले इलाज कराने की अपील की है।