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छत्तीसगढ़ बड़ी ख़बर : सफल रहा कबीरधाम के 4 श्रमिकों का रेस्क्यू, तमिलनाडु से लाया गया वापस …

कबीरधाम। तमिलनाडु के करूर जिले में छत्तीसगढ़ कबीरधाम जिले के बंधक बनाए गए चार श्रमिकों को रेस्क्यू टीम छत्तीसगढ़ के कबीरधाम सकुशल वापस लौट आई है।

सभी श्रमिको ने अपने जिले की धरती पर कदम रखते ही सबसे पहले धरती माता को प्रणाम किया। वही, श्रमिको ने सकुशल कबीरधाम वापस लौटने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर, कलेक्टर जनमेजय महोबे और पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह के प्रति धन्यवाद दिया।

रेस्क्यू टीम द्वारा बंधक से मुक्त कराकर छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला पहुंचने पर कलेक्टर जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह व श्रमपदाधिकारी शोएब काजी ने श्रमिकों व रेस्क्यू टीम का कलेक्टोरेट परिसर में सभी का स्वागत किया। कलेक्टर और एसपी ने सभी श्रमिकों से चर्चा कर उनका हाल-चाल जाना। कलेक्टर ने सभी का प्राथमिक स्वाथ्य परीक्षण कराने के लिए निर्देश दिए। कलेक्टर महोबे ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद ही सभी श्रमिकों को सकुशल उनके घर पहुंचाया जाएगा। कलेक्टर और एसपी ने रेस्क्यू टीम को मिशन सफल के लिए बधाई दी।

उल्लेखनीय है कि वनांचल क्षेत्र, पंडरिया विकासखंड के ग्राम पंचायत अमानिया के आश्रित गांव अमलीटोला के 4 युवा बैगा के तमिलनाडु राज्य में ठेकेदार द्वारा बंधुआ मजदूर बनाए जाने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर जनमेजय महोबे ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल संज्ञान में लिया और 5 सदस्यीय अधिकारियों की टीम गठित की। 5 अक्टूबर को थाना कुकदूर में करन सिंह बैगा के पिता रूपसिंह बैगा के द्वारा शिकायत की गई थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए 06 अक्टूबर को पुष्टि किए जाने के उपरांत 6 अक्टूबर को कलेक्टर जनमेजय महोबे ने करूर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, श्रमायुक्त को तथ्य की गंभीरता से अवगत कराया एवं तत्काल कार्यवाही करने के लिए पत्र प्रेषित किया। 7 अक्टूबर को बंधक श्रमिकों के सकुशल वापसी के लिए जिला स्तर पर 05 सदस्यीय टीम जिसमें नायब तहसीलदार, श्रम निरीक्षक, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, पुलिस निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक रवाना हुई थी।

रेस्क्यू टीम पहुंचने पर कलेक्टर महोबे के तमिलनाडु के करूर जिले के कलेक्टर से सतत रूप से दुरभाष के माध्यम से संपर्क बनाएं रखा, जिसके वजह से रेस्क्यू टीम को वहां मदद मिलती रही। स्थानीय जिला प्रशासन निर्देश पर करूर जिले के ई.सी.सी. फैक्ट्री में उच्च स्तरीय जांच कराई।

जांच में जिले के नौजवान बंधक पाए गए, जिन्हे छुड़ाया गया व बंधक विमुक्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया हैं। केन्द्र सरकार के प्रावधानों के तहत विमुक्ति प्रमाण पत्र के साथ तत्काल सहायता राशि 30 हजार रूपए प्रति बंधक के मान से दी जाती है। इसके लिए भी कलेक्टर महोबे ने पुनः करूर कलेक्टर, तमिलनाडु को नियमों के तहत राशि दिलाने के लिए कहा गया है।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

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