कबीरधाम। कवर्धाधिपति भगवान श्री खेड़ापति हनुमान दादा के मंदिर में मनोकामना सिद्धि और कष्ट निवारण के लिए 5 दिसंबर को विशेष हनुमत आराधना के साथ ग्रंथि पूजा अर्चना आयोजित है, जिसमें भक्तों व श्रद्धालुओं ने हजारों की संख्या में भाग लेकर कष्टनिवारण के लिए पूजन करेंगे। इस अवसर पर भक्त गण पीले रंग के धागे में हनुमत मंत्र के साथ मनोकामना पूर्ण के लिए तेरह गांठ लगायेंगे।
पं. चंद्रकिरण तिवारी के अनुसार –
पं. चंद्रकिरण तिवारी ने बताया मार्गशीर्ष अगहन शुक्ल त्रयोदशी के दिन श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर में ग्रंथि पूजन विधी विधान से किया जाएगा। सुबह से देर राततक चलने वाले इस आध्यात्मिक आयोजन का महिला-पुरूषों के साथ बच्चों को इस विशेष दिन का इंतजार रहता है। विधि अनुसार पूजन में पीले रंग का धागा लेकर जिसमें तेेरह गांठें लगायेंगे। गांठ लगाते समय हर बार ओम नमो भगवते वायुनंदनाय नम: का मंत्रोच्चारण भक्तगण करेंगे, अधिकांश लोगों व्रत रखकर अपनी आस्था व्यक्त प्रकट करेंगे।
पीले धागे की मांग बढ़ी –
हर वर्ष होने वाले इस ग्रंथि पूजन में केवल नगर के ही लोग नहीं, बल्कि दूर दूर से आकर लोग सम्मिलित होते हैं। हजारों संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने और भाग लेने के कारण पूजन सामग्रियों की मांग भी बढ़ जाती है। मंदिर के सामने नारियल, अगरबत्ती, जनेऊ, मगज के लड्डू, कपूर, आदि पूजन सामग्रियों की दुकानें सजी हुई है।
मालपुआ का लगेगा भोग –
हनुमान जी को सर्वाधिक प्रिय रोंठ-नारियल और माल-पुआ का भोग भक्त चढ़ाएंगे। मंदिर परिवार की ओर से मालपुआ बनाकर प्रसाद वितरण किया जायेगा। राम और युधिष्ठिर ने सबसे पहले ग्रंथि पूजा किया था। आध्यात्मिक पूजा अर्चना और भावनाओं और विश्वास पर टिका हुआ है। पुराणों के अनुसार इस पूजा से ही भगवान राम और महाभारत काल में राजा युधिष्ठिर की भी दु:खों का अंत हुआ था। आज भी इसका महत्व कम नहीं हुआ है।