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बड़ी खबर : भूखे पेट सोने मजबूर हुए खिलाड़ी, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में अव्यवस्था का आलम

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में हो रहे संभाग स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के दो दिवसीय आयोजन में संभाग के अलग-अलग जिलों से पहुंचे प्रतिभागियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तीन हजार की संख्या में मंगलवार की देर रात पहुंचे प्रतिभागियों के लिए ना तो भोजन की व्यवस्था यहां की गई थी न तो ढंग से रुकने की। सबसे मुश्किल महिलाओं और युवतियों को हुई। यहां पहुंचे महिलाओं और प्रतिभागियों को उनके रुकने की जगह पर न तो रोशनी थी और न ही रात के खाने के लिए भोजन की व्यवस्था। करीब 3 हजार प्रतिभागी एक ही परिसर पर उतार गए और यहां भोजन के लिए उन्हें घंटों परेशान होना पड़ा।

हंगामे के बाद जैसे तैसे व्यवस्था शुरू हुई, लेकिन बार-बार राशन खत्म हो जाने की वजह से बहुत से प्रतिभागी भूखे पेट ही रह गए। गौरतलब है कि 14 से लेकर 40 आयु वर्ग के प्रतिभागी दो दिवसीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के विभिन्न खेलों के आयोजन में खिलाड़ी शामिल होने पहुंचे हैं।

भूखे पेट रात गुजारने को मजबूर हुए खिलाड़ी –

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के दो दिवसीय आयोजन में संभाग के 6 जिलों से लगभग 3 हजार खिलाड़ी बस्तर पहुंचे हुए हैं। बुधवार को सुबह 11 बजे आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मौजूदगी में इस प्रतियोगिता का शुभारंभ किया जाएगा, लेकिन इस खेल के शुरू होने से पहले ही आयोजन को लेकर जिम्मेदार अधिकारी अव्यवस्था को लेकर विवादों में घिर गए हैं।

खाने के लिए भटकते रहे फरियाद सुनने वाला नहीं था कोई अधिकारी –

सैकड़ों किलोमीटर का सफर कर पहुंचे खिलाड़ियों का कहना है कि मंगलवार सुबह से सफर पर निकले खिलाड़ियों के लिए रात तक भोजन का कोई इंतजाम कहीं भी नहीं किया गया। इतना ही नहीं खिलाड़ियों की फरियाद सुनने के लिए मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी भी मौजूद नहीं था, रात भर खिलाड़ी और कोच रुकने, खाने के लिए यहां वहां भटकते रहे।

आलम यह रहा कि कई खिलाड़ियों को रात हो जाने की वजह से भूखे पेट ही सोना पड़ा। इधर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान  का कहना है कि खिलाड़ियों की रुकने की व्यवस्था शिक्षा विभाग के द्वारा की गई थी, लेकिन खाने की व्यवस्था सभी जिलों के खेल विभाग को दिया गया था, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था यहां नहीं दिखी।

जगदलपुर शहर के बस्तर हाई स्कूल में सभी 3 हजार बच्चों को उतारा गया और उसके बाद इन्हें भोजन के लिए घंटों परेशान होना पड़ा, जिम्मेदारों ने कुछ खिलाड़ियों को तो आधी अधूरी व्यवस्था में आधा पेट भोजन कराया, लेकिन 2 से ढाई हजार खिलाड़ी भूखे पेट की स्कूल से बाहर निकल गए और फिर यहां वहां खाने के लिए भटकते रहे, रात हो जाने की वजह से पूरे होटल और रेस्टोरेंट भी बंद हो गए, जिस वजह से उन्हें भूखे पेट ही रहना पड़ा।

वहीं कड़कड़ाती ठंड में इन खिलाड़ियों के लिए रुकने की व्यवस्था भी सही ढंग से नहीं की गई, जिससे इस खेल में हिस्सा लेने पहुंचे सभी खिलाड़ी प्रशासन की व्यवस्था से नाखुश नजर आए। इधर दो दिवसीय संभाग स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक अपने शुभारंभ होने से पहले ही अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया है।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

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