रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से विधानसभा से पारित आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच तकरार जारी है। इस बीच रविवार की शाम 6 बजे राज्यपाल अनुसुईया उइके दिल्ली रवाना हुईं। अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान राज्यपाल 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगी।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमितशाह से भी मिलने के लिए समय मांगा है। चर्चा है कि राज्यपाल छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद को लेकर राज्यपाल राष्ट्रपति से चर्चा सकती हैं। इसके अलावा वह आदिवासियों के मुद्दे पर चर्चा करेंगी। 21 दिसंबर को को राज्यपाल लौटेंगी।
इसलिए चल रहा है आरक्षण को लेकर विवाद –
19 सितंबर को हाईकोर्ट ने प्रदेश में 2012 से चल रहे 58 प्रतिशत के आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए इसे निरस्त कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कुल 76 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान करके करके विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया है। इस विधेयक में एससी के लिए 13 प्रतिशत, एसटी के लिए 32, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान किया है।
इस विधेयक को लेकर राज्यपाल असमंजस में पड़ गई हैं। उन्होंने 10 बिंदुओं पर आपत्ति करके राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। नतीजा यह हो रहा है कि अभी तक प्रदेश में आरक्षण की शून्य स्थिति बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में 16 जनवरी को होनी है पेशी: एक तरफ आरक्षण के संशोधन विधेयक को लेकर इंतजार है तो दूसरी ओर 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण को लेकर लगी याचिका को लेकर सुनवाई होनी है।