
कबीरधाम। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला स.लोहारा स्थित बांधाटोला रोड पर इन दिनों आस्था का केंद्र तैयार किया जा रहा है, जहां क्षेत्रवासी भारी संख्या में पहुंच के तैयारी में जुटे हुए हैं।
दरअसल, लोहारा में पंच कुण्डीय यज्ञ व श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन होने जा रहा हैं, जिसे लेकर तैयारियां भी जोरों पर हैं। वही, यज्ञ प्रारंभ से पहले कथा स्थल का भूमि पूजन व ध्वज स्थापित हुआ।
ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद के श्रीमुख से कथा का करेंगे श्रवण –
वही, आयोजकों ने बताया हमारे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है, कि हमारे क्षेत्र में शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर के शिष्य सपाद लक्षेश्वर धाम के प्रमुख ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद के श्रीमुख से कथा श्रवण करने का सौभग्य सभी को मिलने वाला हैं। वही, उनके सानिध्य में यज्ञ सपन्न होना हैं।
ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद ने बताया –
कबीरधाम जिला के लोहारा में आगामी पौष कृष्ण सप्तमी से अमावस्या तक तदनुसार दिनांक 03 से 11 जनवरी तक पंच कुण्डीय रुद्र महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। वैसे तो कबीरधाम के हर गांव के लोग बड़े ही सनातनिय और धार्मिक है।
वही, जब से यहां यज्ञ होना तय हुआ है, तभी से आयोजक व स्थानीय लोग जोर शोर से तैयारी में जुटे हुए है। कार्यक्रम पूर्व कथा स्थल एवं यज्ञ शाला का भूमिपूजन कर धर्मध्वज लगाया गया हैं। वर्तमान में यज्ञ शाला का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका हैं।
बारीकियों से हर तैयारी –
वही, आयोजको ने बताया कि हमारे क्षेत्र के साथ पूरे जिले के सनातनियों के लिए बड़े ही हर्ष का विषय हैं। 9 दिन तक हमारा क्षेत्र पूरी तरह से भक्तिमय होने जा रहा। हम लोग दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की व्यवस्था कर रहे है। जैसे वाहन पार्किंग, यज्ञशाला में परिक्रमा, कथा स्थल में समुचित बैठने की व्यस्था साथ-साथ भव्य भंडारा का आयोजन भी किया जा रहा हैं, जहां हर एक श्रद्धालुओं कथा श्रवण के साथ-साथ भोग भंडारा में प्रसाद ग्रहण कर सकें।
फुटकर व्यवसाईयों में खुशी ली लहर –
इसके साथ ही फुटकर व्यवसायियो का कहना है कि क्षेत्र में बड़े धार्मिक आयोजन होने से हम छोटे छोटे दुकानदारों की कमाई हो जाती हैं। जैसी पूजा सामग्री दुकान, फल दुकान, मिठाई मिक्चर दुकान, बच्चो के खिलौने एवं झूला इत्यादि यह सब आकर्षण के साथ-साथ मेला का अनुभव दिलाता है, जहां लोग अधिक से अधिक संख्या में पहुँच कथा श्रवण के साथ-साथ मेला का भी लुफ्त उठाते हैं।