कबीरधाम। कवर्धा के नामचीन व्यापारियों को SBI बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर दिया हैं। वही, बड़े ठाट बाट से रहने वाले व्यापारी बैंक का लाखों रुपया डकार गए हैं। व्यापारी जब बैंक को आंख दिखाने लगे तो उन्होंने पुलिस की मदद से इन पर कार्यवाही की और कुछ को समय भी दिया गया है।
क्या हैं पूरा मामला –
दरअसल, व्यापार को सुचारू रूप से संचालित करने और व्यापार को बढ़ाने के लिए कवर्धा के नामचीन व्यापारियों ने एसबीआई के दर्रीपाड़ा ब्रांच से लोन लिया। वही व्यापारियों ने बैंक की शर्तों पर लोन लिया था। मामला तब बिगड़ा जब व्यापारी लोन देने में असक्षम हो गए। बार-बार अल्टीमेटम देने के बाद भी लोन के पैसे नहीं चुकाएं गए। लोन के पैसे लेने SBI की टीम पहुंची, तो व्यापारी उन्हीं से भिड़ गए तब जाकर पुलिस की एंट्री हुई।
बताते चलें कि व्यापारी अपने व्यापार को वृहद रूप देने व व्यवसाय का विस्तार करने के लिए बैंकों से ऋण लेते हैं व यह ऋण बैंक के शर्तों पर लिया जाता है। वही लोन लेने के दौरान सब कुछ ठीक रहा। अदा करने के समय आनाकानी करने लगे। तब बैंक ने स्थानीय पुलिस की मदद से वसूली की।
मामला नंबर 1 –
बोड़ला ब्लॉक के बद्री प्रसाद चंद्रवंशी, विशाल चंद्रवंशी, माँ शेरा वाली गुड़ उद्योग, निवासी गंडई खुर्द द्वारा SBI बैंक से सन 2019 में 29 लाख का सीसी लोन लोन लिया। समय पर एक भी क़िस्त नही पटाने पर 2020 से ही उसका खाता NPA (डिफाल्टर लिस्ट) में आ गया। बार-बार बैककर्मियों द्वारा रकम समय पर अदा करने के लिए बोलने के बाद भी अदा नही करने का कारण बैंककर्मी जब वसूली करने गृह ग्राम पहुंचे। मामला तब गरमाया जब बैंक कर्मियों के साथ पुलिसकर्मियों के साथ भी बदसलूकी हुई। वही, कार्यवाही करते हुए गुड़ फैक्ट्री की मशीन जब्त कर ली गई हैं। मशीन नीलामी कर रकम की भरपाई की जाएगी।
मामला नंबर 2 –
वही, सरिता केशरवानी पति साकेत केशरवानी संगम साड़ी राम नगर सरस्वती शिशु मंदिर के पास द्वारा 9.70 लाख का लोन लिया गया था, जो नही पटाने व बार बार बहाने मारने के कारण बैंक टीम द्वारा साड़ी दुकान पर स्टॉक इन्फेक्शन करने पहुंचे संचालक ने घर की महिलाओं को सामने लाकर विरोध करते हुए बैंककर्मी व पुलिस दल के साथ दादागिरी करते हुए बदसुलूकी की, जिस वजह से इन्फेक्शन नही हो पाया। वही जल्द ही बैंक द्वारा कानूनी कार्यवाही करने की प्रक्रिया की जा रही है।
मामला नंबर 3 –
इसी क्रम में हीरालाल चंद्रवंशी कवर्धा मेडिकल स्टोर द्वारा 2 लाख का ऋण मेडिकल स्टोर में दवाई भरने के नाम से लिया गया था। वही अभी तक ऋण का एक रुपए नही भरा गया। बार बार बैंक कर्मियों ने रकम अदा करने कहा, परंतु कुछ नही हुआ। लोन का पैसा रिकवरी करने एसबीआई की टीम दुकान पहुंची तो संचालक दुकान से नदारद पाया गया।
बैंक कर्मियों ने संचालक से फोन पर बात की। तब संचालक ने बैककर्मियों को अपने आप को फर्मेसिस्ट बता धमकाने की कोशिश की। मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा एक माह का समय मांगा गया। बैंक ने उन्हें एक माह का समय दिया यदि मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा मई माह के अंतिम दिवस तक ऋण की रकम अदा नही की जाती तो कानूनी कार्यवाही कर दुकान सील की कार्यवाही की जाएगी।
रायपुर से पहुंचे अधिकारी ने बताया –
वही वसूली के लिए रायपुर से पहुंचे रिकवरी इनफोर्समेंट के डायरेक्टर आदित्य जायसवाल ने बताया SBI बैंक ग्राहकों व लोगों के व्यापार व सहयोग के लिए ऋण उपलब्ध कराती हैं, जिसका कुछ लोग गलत फायदा उठाते हैं। बैंक को ठगने का काम करते हैं। टाइम से पैसा नहीं देने पर बैंक द्वारा और समय दिया जाता है, जिसका भी ऋणी फायदा उठाने लगते हैं।
यही कारण है कि ऐसे ऋणियों को वसूली की प्रक्रिया और कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वही, बीते 02 दिनों में कवर्धा ब्रांच से लिए ऋण ऋणियों से वसूली करने पहुंचे व जिसकी सूचना दस्तावेज सहित कबीरधाम पुलिस को देकर उनकी मदद ली गई। वही फील्ड में नरसिंह रामटेके ब्रांच हेड कवर्धा, चित्राधर मरावी फील्ड ऑफिसर और कवर्धा पुलिस व उनकी महिला पुलिस टीम के साथ एक-एक कर ऋणियों के घर व व्यवसाय केंद्र पहुंच वसूली की कार्यवाही की गई।