धमतरी। तीर-धनुष से चीतल का शिकार करने वाले 10 ग्रामीणों को वन विभाग ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से चीतल का शव व तीर-धनुष जब्त कर सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है। वन विभाग आगे की जांच में जुटी हुई है।
वन विभाग धमतरी से मिली जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र केरेगांव अंतर्गत ग्राम कांटाकुरीर्डीह क्षेत्र में वन्य प्राणी चीतल का अवैध रूप से शिकार होना पाया गया। गांव के स्कूल परिसर के पास पहुंचे चीतल का 10 ग्रामीणों ने तीर-धनुष से शिकार कर मार डाला। इसकी खबर जब वन विभाग को पता चला, तो सर्च वारंट जारी कर डीएफओ मयंक पांडेय व एसडीओ धमतरी टीआर वर्मा के निर्देशन में परिक्षेत्र अधिकारी केरेगांव के नेतृत्व में भरत लाल वर्मा एवं इनकी टीम में शामिल पंचराम साहू परिक्षेत्र अधिकारी सिंगपुर, उत्पादन डिप्टी रेंजर उत्तर सिंगपुर ओंकार सिन्हा, डिप्टी रेंजर केरेगांव पुरूषोत्तम पांडेय, नरेश उपाध्यक्ष डिप्टी रेंजर उड़नदस्ता प्रभारी, परिक्षेत्र सहायक मंशाराम साहू, बीएफओ कुकरेल दुलेश्वर मार्कण्डेय, कुलेश्वर बघेल महिला वनरक्षक व स्टाफ परिक्षेत्र केरेगांव ने गांव में दबिश दिए।
वन्य प्राणी चीतल के हुए अवैध शिकार के संबंध में गोपनीय ढंग से जानकारी लिए, तो बरबांधा के 10 आरोपितों को सर्चिंग कर पकड़ा। आरोपितों के पास से एक मृत चीतल और तीर-धनुष को जब्त किया गया। पकड़े गए आरोपितों में जोहर सिंग 33 वर्ष, भुवन कमार 35 वर्ष, बीरेंद्र कमार 24 वर्ष, पुराणिक कमार 28 वर्ष, मनीराम कमार 25 वर्ष, राधे लाल कमार 18 वर्ष, चैत राम कमार 30 वर्ष, आनंद कमार 19 वर्ष, किशन कमार 25 वर्ष और दुर्गेश कमार 19 वर्ष को गिरफ्तार किया। सभी आरोपित ग्राम बरबांधा ( बगबुडा पारा) निवासी है। सभी आरोपितों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जुर्म दर्ज कर जेल भेज दिया है। आरोपितों के पास से धनुष तीन नग, तीर चार नग को जब्त किया है। क्षेत्र के कई लोग जंगली सुअर, चीतल व मोर का भी शिकार करते हैं। समय-समय पर इसकी खबर मिलती है। इससे पहले भी इस तरह की घटनाओं पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने कार्रवाई की है।
पानी की तलाश में पहुंच रहे वन्य प्राणी –
अंचल में 42 डिग्री तापमान के चलते भीषण गर्मी और उमस पड़ रहा है। लोग बेचैन है। जंगल में रहने वाले जंगली जानवराें की भी परेशानी बढ़ गई है। जंगल के तालाब, जल स्रोत सूखे चुके हैं। ऐसे में चीतल समेत अन्य जंगली-जानवर अपनी प्यास बुझाने गांव तक पहुंचते हैं। इसका फायदा उठाकर सक्रिय शिकारी चीतल, मोर अन्य पशु-पक्षियों का शिकार कर उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं।