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PM मोदी से ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य ने की 5 बड़ी मांग, भू-धंसाव से संबधित रिपोर्ट सार्वजनिक करने से लेकर यह रही वो सभी बातें ….

बद्रीनाथ। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। वही उन्होंने इस पत्र के माध्यम से 5 बिंदुओं पर पीएम का ध्यान आकर्षित किया हैं।

 

पत्र में शंकराचार्य महाराज जी ने कहा ज्योतिर्मठ आदि गुरु शंकराचार्य जी का गद्दी स्थल होने के साथ देश के 04 धामों में प्रमुख बदरीनाथ धाम का मुख्य आधार स्थल भी है। इसी स्थान पर आदि गुरु शंकराचार्य जी द्वारा स्थापित पौराणिक नृसिंह मंदिर भी हैं।

1. जोशीमठ भू-धंसाव से संबधित रिपोर्ट सार्वजनिक हो –

शंकराचार्य महाराज जी ने जोशीमठ भू-धंसाव से संबधित रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की हैं। विदित हो जनवरी माह में भूधंसाव की घटना सामने आई थी व विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट अभी तक ही
सार्वजनिक नहीं हो पाई। जनहित में रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और जोशीमठ की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाएं।

2. हेलंग- मारवाडी बाईपास का काम जनहित में अविलम्ब रोका जाए –

शंकराचार्य जी ने सदियों से चली आ रही परंपरा के बारे में बताते हुए कहा कि बद्रीनाथ भगवान जी के दर्शन करने से पहले तीर्थयात्री नृसिंह भगवान् और शंकराचार्य गद्दी दर्शन करते हैं। हेलंग- मारवाडी बाईपास बना तो तीर्थयात्री दर्शन से वंचित रह जाएंगे। इसका काम तत्काल बंद किया जाएं।

3. धर्म के नाम पर हिन्दू नाबालिगों के साथ हो रहे कृत्यों पर तत्काल रोक लगे –

उत्तरकाशी जनपद के पुरोला के अलावा देवभूमि में हाल ही में हुई घटनाएं चिंताजनक हैं। उत्तराखंड देव भूमि है और यहां इस तरह के कृत्य अक्षम्य है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए सरकार की ओर
से ठोस कदम उठाया जाना चाहिए।

4. मास्टर प्लान के नाम पर बदरीनाथ धाम की मर्यादा और स्थापित परम्पराओं को खत्म ना करें –

बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान कार्य गतिमान है। नारायण पर्वत में बदरीनाथ जी का मंदिर स्थित है। मंदिर के आस पास मास्टर प्लान का काम किया जा रहा है। मंदिर से ही कुछ मीटर की दूरी पर 2 प्राचीन जलधाराएं हैं। जिन्हें कूर्म धारा और प्रहलाद धारा के नाम से जाना जाता है। भगवान बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल का अभिषेक कूर्म धारा के जल से किए जाने की परंपरा है। मास्टर प्लान के कार्यों को करते हुए धाम से जुड़ी हुई परंपराओं के साथ छेड़खानी नहीं होनी चाहिए तथा परंपराएं अक्षुण रखी जानी चाहिए।

5. जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किये जाने का शासनादेश जारी किया जाएं –

उत्तराखंड सरकार द्वारा जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ किए जाने की सार्वजनिक घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक इसका शासनादेश जारी नहीं किया गया। आदेश जारी कर नाम बदला जाएं।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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