
रायपुर। इंटरनेट की दुनिया में सायबर ठगी के बीच पेड टास्क सिस्टम बिल्कुल नया है। पैड टास्क सिस्टम के जरिए सायबर ठग अब ऐसे नौजवान जो नौकरी की तलाश में इंटरनेट का सहारा लेते हैं, उन पर निशाना साधने में जुट गए हैं। हालात देखते हुए अब पीएचक्यू ने ऐसे मामलों से बचने के लिए युवाओं के लिए अलर्ट जारी करते हुए उन्हें सतर्क रहने की नसीहत दी है। सायबर ठग तीन चैनल बनाकर युवाओं को अपने झांसे में ले रहे हैं। नौकरी दिलाने के नाम पर पैड टास्क में ठग पहले पैसे देते हैं, उसके बाद लिंक जारी करके युवाओं से ठगी करते हैं।
पीएचक्यू तकनीकी शाखा की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि इन दिनों सबसे ज्यादा बेरोजगार युवक ठगी के झांसे में आ रहे हैं। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और फिर एटीएम-आधार कार्ड में सुधार के बहाने ठगी का ट्रेंड पुराना होने के बाद अब बेरोजगारों से ठगी की वारदातें बढ़ गई है। पीएचक्यू से जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में 1200 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 40 फीसदी मामले बेरोजगार युवकों से जुड़े हैं। आरोपी ठगों ने उन्हें पैड टास्क का भरोसा दिलाकर ठगी को अंजाम दिया है।
पुलिस ने जारी किए सुझाव –
■ ऑनलाइन नौकरी के लिए आवेदन करते समय अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे- मोबाइल नंबर देने से बचें जो कि आसानी से ठगों को प्राप्त हो सकती है।
■ इस तरह के भ्रमित करने वाले मैसेज / कॉल पर भरोसा करने से बचें। कम्पनी के बारे में पूरी तरीके से जांच पड़ताल करने के बाद ही नौकरी के लिए सहमति प्रदान करें।
■ फ्रॉड होने पर तत्काल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके या www.cybercrime.gov.in ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायें, साथ ही निकटतम पुलिस थाना से सम्पर्क करें।
टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और वाट्सअप का सहारा
सायबर ठग बेरोजगार युवकों को अपने झांसे में लेने के लिए ठेलीग्राम, इंस्टाग्राम और वाट्सअप का सहारा ले रहे हैं। खास तरह के लिंक भेजकर बेरोजगारों को पैसा कमाने टास्क पूरा करने को कहा जाता है। नौकरी की तलाश करने वाले युवको का मोबाइल नंबर विभिन्न नौकरी प्रदान करने वाली वेबसाइट से प्राप्त कर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है।
टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर ऐसे कर रहे ठगी
ऑनलाइन नौकरी का आफर दिया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के टास्क पूरा करने पर पैसे मिलने की बात कही जाती है। ऐसे में मोबाइल धारक जल्दी झांसे में आ जाते हैं। पीड़ति को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया जाता है, जहां उसे विभिन्न प्रकार के टास्क दिए जातें हैं जैसे किसी दिये – गये पते को गूगल मैप पर लोकेट करके स्क्रीन शार्ट भेजना या कोई मूवी सब्सक्राइम करना। इस दौरान पीड़ित को कुछ राशि भेज दी जाती है।
शुरू में टास्क फ्री इसके बाद ठगी
सायबर ठग शुरुआती टास्क में बिल्कुल फ्री सेवा का झांसा देते हैं। फोन धारकों को भ्रमित करने के लिए कुछ राशि का भुगतान भी कर दिया जाता है, लेकिन बाद में पीडति का यकीन बढ़ जाने पर उन्हें पैड टास्क दिया जाता है। पैड टास्क जीतने पर पीड़ित को पहले कुछ राशि दी जाती है इसके बाद टास्क पूरा करने की बात कहकर धीरे- धीरे पीड़ित से पैसे वसूल किया जाता है। अपनी राशि को वापस पाने के लिए के लिए कभी टैक्स तो कभी क्लीयरेंस के नाम पर रुपये मांगे जाते हैं। टैक्स के नाम पर, तो कभी Clearance आदि के नाम पर अधिक राशि का भुगतान करते जाता है और इस तरह वह ठगी का शिकार हो जाता है।
वारदातें बढ़ी हैं
स्टेट सायबर थाना के एएसपी पीएचक्यू केवी गुप्ता ने बताया कि, लोगों से नौकरी दिलाने और मुनाफा • कमाने के नाम पर ठगी की वारदातें बढ़ी है। ऐसे में उन्हें जागरूक करने के लिए प्रयास लगातार जारी है। पीडितों को अलर्ट रहने की जरूरत है।