कबीरधामरायपुर

छत्तीसगढ़ की आखिरी गांव चिल्फी में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल से आया बड़ा बदलाव

विशेष लेख – गुलाब डड़सेना (सहायक जनसंपर्क अधिकारी)

कबीरधाम। छत्तीसगढ़ की अंतिम सीमा पर मैकल पर्वत की पहाड़ियों उपर बसा है कबीरधाम जिले का एक छोटा सा गांव चिल्फी। चिल्फी को छोटा शिमला का कहा जाता है। यह चिल्फी गांव छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार भी है। यही से लगभग दस किलोमीटर दूर धवाईपानी से छत्तीसगढ़ की सीमा रेखा है, जहां से छत्तीसगढ़ की शरहद शुरू होती है। मैकल पर्वत श्रृखलाओं के बीच देश की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा और आदिवासी समाज सदियों से निवासरत है। छत्तीसगढ़ सरकार की स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रदेश के आखिरी छोर तक पहुंच गई है। जंगलों के बीच रहने वाले आदिवासी-बैगा बच्चें भी अब इस योजना का लाभ लेकर फर्राटेदार अंग्रेजी में पढ़ाई कर रहे हैं। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय योजना से प्रदेश के अंतिम छोर इस चिल्फी गांव में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य स्थापना दिवस के दिन एक नवंबर 2020 को छत्तीसगढ़ की आने वाली अनेकों पीढियों को सुखद भविष्य के रूप में गढ़ने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के तहत स्कूल खोलने की नीव रखीं। पहले जिला और विकासखण्ड मुख्यालयों में इस योजना के तहत उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए। इस योजना की एतिहासिक सफलता के बाद प्रदेश के कस्बों में भी खुलने की मुहिम मुख्यमंत्री बघेल ने की। पहले शहरों और कस्बों में अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शासकीय तौर पर नहीं थी। इसलिए गांव-कस्बों की प्रतिभा को आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिल पाता था, लेकिन आज स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी उत्कृष्ट स्कूल खुलने से गांव-कस्बों के बच्चों के सपनों को उड़ान मिल रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय योजना को ऐतिहासिक सफलता मिल रही है। इस योजना की वजह से छत्तीसगढ़ की आखिरी गांव चिल्फी में भी शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है। विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति और आदिवासी बच्चें भी अब फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते मिल जाएंगे।

जंगलों के बीच में रहने वाले विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति और आदिवासी समाज सहित अन्य वर्गों के लिए मैकल पर्वतों के बीच अंग्रेजी में पढ़ाई करना एक सपना जैसा था, लेकिन इस सपने को छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने साकारा कर दिया है। कबीरधाम जिले में वनांचल सहित कस्बों में भी स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का विस्तार हो रहा है। शुरूआती कबीरधाम जिले में चार विद्यालय खोले गए थे। जिसमें जिल मुख्यालय कवर्धा, बोडला, पंडरिया, और सहसपुर लोहारा शामिल है। इस योजना की ऐतिहासिक सफलता मिलने के बाद इस योजना का विस्तारीकरण किया गया। कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर के प्रयासों से कबीरधाम जिले के वनांचल ग्राम चिल्फी, ग्राम पोडी और पिपरिया नगर पंचायत और कवर्धा शहर में हिन्दी सहित अंग्रेजी माध्यम के दो स्कूल संचालित हो रहे है। इस प्रकार कबीरधाम जिले में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के कुल नौ स्कूल संचालित हो रहे है। संचालित स्कूलो में 5463 बच्चों को निःशुल्क अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा मिल रही है। इस योजना ने रोजगार के नए द्वार भी खोले है। इस योजना से कबीरधाम जिले में शिक्षकीय कार्य सहित गैर शिक्षकीय कार्य में लगे 392 युवाओं को रोजगार के ठोस अवसर भी मिले है।

गरीब और प्रतिभावान बच्चे हो रहे लाभांवित –

छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई अंग्रेजी स्कूलों की श्रृंखला से जिला मुख्यालयों और विकासखंड स्तर पर बड़ी संख्या में गरीब और कमजोर वर्ग के प्रतिभावान बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। बहुत ही कम समय में इन स्कूलों में लोकप्रियता हासिल कर ली है। राज्य सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में विश्व स्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं।

महंगी फीस से गरीब एवं कमजोर परिवार को मिली राहत –

स्वामी आत्मानंद स्कूलों की लोकप्रियता का अंदाजा मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों के दौरान इन स्कूलों की मांग और इन स्कूलों में पढ़ने वाले फर्राटेदार अंग्रेजी से लगाया जा सकता है। इन स्कूलों के प्रारंभ होने से गरीब और कमजोर तबके के प्रतिभावान बच्चों के पालकों को निजी स्कूलों की महंगी फीस से काफी राहत मिली है। इन स्कूलों में नाममात्र की फीस पर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा के साथ-साथ विश्व स्तरीय सुविधाएं एवं बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल रहा है।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!