नरसिंगपुर/झोतेश्वर/परमहंसी। ‘परमाराध्य’ परमधर्माधिस उत्तराम्नाय ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘१००८’ महाराज जी ने रक्षाबंधन की तिथि को लेकर चल रही अलग-अलग बातों के बीच बताया हैं कि आखिर रक्षाबंधन की तारीख कौनसी हैं।
30 अगस्त को दोपहर में श्रावणी तिथि और पूर्णिमा तिथि हैं। इसका मतलब है इस दिन ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाना चाहिए, लेकिन एक समस्या भद्रा नामक हैं, भद्रा के दौरान रक्षाबंधन नही किया जा सकता।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात में 9 बजे से हैं क्योंकि सुबह 10:15 से रात 10:15 तक भद्रा लगा होगा। सूर्योदय के अनुसार थोड़ा बहुत अंतर हो सकता हैं इसलिए रात को 9 बजे के बाद रक्षाबंधन मनाया जा सकता हैं।
वही, 31 तारीख को पूरे दिन पूर्णिमा नहीं मानी जा सकती हैं। इसलिए उस दिन रक्षाबंधन नहीं मनाया जाएगा। साथ ही दान दक्षिणा के लिए यह दिन शुभ हैं।
व्यवहार का दृष्टिकोण रखते हुए यदि रक्षा सूत्र की पूजा रात को ही कर लें। अगर बंधन नहीं हो सकता है। इतना व्यवहार की दृष्टि से सामान्य से मनाया जा सकता लेकिन 30 अगस्त की रात को ही रक्षाबंधन करना उचित हैं।