छत्तीसगढ़रायपुर

खरीदी बंद पर सोसाइटियों में धान जाम : उठाव नहीं होने से कहीं चूहे खा रहे, कहीं लग रही दीमक

धान का उठाव नहीं होने से सोसाइटी प्रबंधकों को चिंता सताने लगी है, क्योंकि कहीं धान को चूहे खा रहे हैं, तो कहीं धान में दीमक लगने लगी है।

रायपुर। रायपुर जिले की धान खरीदी सोसाइटियों में धान की खरीदी बंद हो चुकी है, लेकिन धान का उठाव अभी भी जारी है। धीमी गति से उठाव होने के कारण जिलेभर की सोसाइटियों में अभी भी 25 प्रतिशत से अधिक धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। धान का उठाव नहीं होने से सोसाइटी प्रबंधकों को चिंता सताने लगी है, क्योंकि कहीं धान को चूहे खा रहे हैं, तो कहीं धान में दीमक लगने लगी है। दिनभर धूप पड़ने से धान सूखकर खराब भी होने लगा है।

जारी टोकन का 4 फरवरी तक हुई खरीदी

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी थी, लेकिन शासन ने बाद में धान खरीदी की तारीख बढ़ाकर 4 फरवरी तक कर दी। इस दिन तक जितने टोकन जारी किए गए थे, उन सभी किसानों का धान खरीदा गया है। कई किसान टोकन जारी होने के बाद भी 4 तारीख तक धान बेच नहीं पाए थे। ऐसे किसानों का 5 तारीख को धान खरीदा गया।

17 जनवरी के बाद कई सोसाइटियों में नहीं उठा धान

समर्थन मूल्य पर पंजीकृत प्रत्येक किसान अपना धान बेच सके, इसे लेकर राज्य में 31 जनवरी तक धान खरीदी की तारीख निधर्धारित थी। इस दौरान पंजीकृत लगभग सभी किसान अपना धान भी बेच चुके है लेकिन जिस तेजी के साथ सोसाइटियों में धान की खरीदी की गई है, उसकी तुलना में धान का उठाव काफी धीमा है। कुछ समितियों के अध्यक्ष एवं प्रबंधकों ने बताया कि 17 जनवरी के बाद से उनकी  सोसाइटियों  से धान का उठाव ही नहीं हो पाया है, जिससे उन्हें अब धान की चिता सताने लगी है। इस बीच अगर धान को नुकसान हुआ, तो इसके लिए सोसाइटी को ही जिम्मेदार माना जाएगा, जबकि गाइड लाइन के अनुसार धान खरीदी के बाद 10 दिनों के भीतर मिलर्स को धान का उठाव करना है।

डीएमओ से कटती है उठाव की पर्ची

सूत्रों के अनुसार ,सोसाइटियों से धान उठाव के लिए डीएमओ कार्यालय से पर्व काटी जाती है, लेकिन 17 तारीख से पर्ची काटी नहीं गई है, जिसके कारण सोसाइटियों से धान का उठाव भी नहीं हो रहा है।

Ashok Kumar Sahu

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!