छत्तीसगढ़रायपुर

छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : शराब घोटाले में EOW ने की बड़ी कार्रवाई ..

रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस एक बार फिर सुर्खियों में है। राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान (ईओडब्ल्यू) में एफआईआर होने के सवा महीने बाद ब्यूरो की टीम ने छापेमारी शुरू की है। इस घोटाले में ब्यूरो ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट पर 70 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर की थी। एफआईआर में 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले की रिपोर्ट है। रविवार तड़के से ब्यूरो की टीम ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के करीब दर्जनभर ठिकानों में छापे मारने शुरू किए। इसमें तीन पूर्व आईएएस, शराब कारोबारी और अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं। ब्यूरो ने पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, सरकारी शराब कंपनी के पूर्व एमडी अरुण पति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, आबकारी अधिकारी सौरभ बख्शी, अशोक सिंह, अरविंद सिंह, सिद्धार्थ सिंघानिया के ठिकानों पर दबिश दी। इसके अलावा इसके अलावा छत्तीसगढ़ के तीनों बड़े डिस्टिलरी दुर्ग के केडिया, रायपुर के वेलकम और बिलासपुर के भाटिया डिस्टलरी से जुड़े लोगों के ठिकानों पर भी ब्यूरो की की टीम पहुंची है। ईओडब्ल्यू और एसीबी के करीब 150 अफसरों और कर्मचारियों की टीम इस छापा मारा कार्रवाई को अंजाम दे रही है। छापे से पहले शनिवार को ब्यूरो ने विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा की कोर्ट से सर्च वारंट लिया और 14 ठिकानों पर छापे मारे।

ब्यूरो में दर्ज एफआईआर के अनुससार शराब घोटाले के अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर मास्टर माइंड थे। ईडी ने दर्ज एफआईआर में विस्तृत ब्यौरा दिया है। इस ब्यौरे के अनुसार अनिल टूटेजा ने अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के साथ सिंडिकेट के रुप में काम किया। अनवर ढेबर के सहयोगी विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू, अरविंद सिंह, संजय दीवान, देसी शराब डिस्टलर और विभिन्न जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों के साथ मिलकर राज्य में शराब की बिक्री में अवैध कमीशन की वसुली और बगैर हिसाब के शराब, शराब की सरकारी दुकानों के जरिए सप्लाई की गई। जिससे 2161 करोड़ की कमाई हुई, जो सीधे राज्य को क्षति है। पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड पर टुटेजा, त्रिपाठी और ढेबर के शराब सिंडीकेट को संरक्षण देने का आरोप है। इसके लिए ढांड को सिंडिकेट की तरफ से राशि भी दी जाती थी। रिपोर्ट के अनुसार इस बात का खुलासा 2020 में ढांड के यहां आयकर विभाग के सर्च के दौरान मिले दस्तावेजों से हुआ है। प्रदेश में बड़े स्तर पर इस घोटाले विभागीय मंत्री कवासी लखमा को हर महीने 50 लाख रुपये हिस्सा मिलता था। एफआईआर के अनुसार लखमा के साथ ही विभागीय सचिव आईएएस निरंजन दास को भी सिंडिकेट की तरफ से 50 लाख रुपये हर महीने दिया जा रहा था।

4 तरीकों से भ्रष्टाचार किया गया –

2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले की जांच कर रही है। ईडी के अनुसार चार तरीकों से भ्रष्टाचार किया गया था। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉर्पोरेशन ने डिस्टिलरों से रिश्वत ली। बेहिसाब कच्ची देशी शराब की बिक्री की गई। डिस्टिलर्स से रिश्वत लेकर उन्हें कार्टेल बनाने और बाजार में हिस्सेदारी तय की अनुमति मिल सके। एफएल 10 लाइसेंस धारकों से कमीशन लिया गया। इन्हें विदेशी शराब खंड में भी पेश किया गया था। इन सब को मिलाकर ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में करीब 21 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला हुआ है।

इन्हें बनाया गया है आरोपी –

पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ, अनिलटुटेजा तत्कालीन संयुक्त सचिव , अनवरढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड), मेसर्स रतनप्रिया मिडिया प्राईवेट लिमिटेड, कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री), निरंजन दास (आई.ए.एस. तत्कालीन आबकारी आयुक्त), जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी), अनिमेष नेताम (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी), विजय सेन शर्मा (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी), अरविंद कुमार पटले (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी), प्रमोद कुमार नेताम (तत्कालीन सहायक कमिशनर आबकारी), रामकृष्ण मिश्रा (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी), विकास कुमार गोस्वामी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी), इकबाल खान (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी), नीतिन खंडुजा (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी), नवीन प्रताप सिंग तोमर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी), मंजुक सेर (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी) के अलावा आबकारी अधिकारियों में सौरभ बख्शी, दिनकर वासनिक, आशीष वास्तव, अशोक कुमार सिंह, मोहित कुमार जायसवाल, नीतू नोतानी, रविश तिवारी, गरीबपाल दर्दी, नोहर सिहं ठाकुर, सोनल नेताम हैं। इनके अलावा अनवर ढेबर के करीबियों में अरविंद सिंह, विकास अग्रवाल उर्फ सब्बू, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित का भी नाम है। अरविंद, त्रिलोक और नितेश तो गिरफ्तार भी हुए थे। आईएएस अनिल टु़टेजा का बेटा यश टुटेजा भी आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा शराब कारोबार से जुड़े करीब 35 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन सभी 70 लोगों की नामजद रिपोर्ट ईडी ने ईओडब्ल्यू को दी थी।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!