खदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में दुर्घटना का संभावना
प्रबंधन ने चलाया जन जागरूकता अभियान कहा बगैर सूचना के खदान में प्रवेश न करें
रिपोर्टर@सुशील तिवारी
खदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में ग्रामीणों के अनावश्यक बगैर किसी काम के प्रवेश करने से दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है जिसको लेकर एसईसीएल गेवरा प्रबंधन जन जागरूकता अभियान चला रही है।
अनायास हादसों को लेकर प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है
एस.ई.सी.एल. गेवरा क्षेत्र भारत सरकार के सार्वजानिक उपक्रम की एक इकाई हैं, जो कोयला मंत्रालय के अधीनस्थ कोयला उत्खनन एवं प्रेषण का कार्य करता हैं। वर्तमान में एस.ई.सी. एल. गेवरा क्षेत्र के खुली खदान में बड़े-बड़े मशीनों (HEMM) के द्वारा कोयले का उत्पादन किया जाता है एवं उत्पादित कोयले को टिपर एवं रेल के माध्यम से प्रेषित किया जाता है।
गेवरा खान प्रतिबंधित क्षेत्र हैं जिसमे बिना अनुमति के प्रवेश वर्जित है। खान में अवैध रूप से प्रवेश करने पर गंभीर रूप से दुर्घटना की संभावना होती है। इसके बावजूद आस-पास के गांवों जैसे आमगांव, हरदीबाज़ार, रलिया, भिलाई बाज़ार, भठोरा, नराईबोध ढुरेना, विजय नगर एवं गंगानगर के कुछ ग्रामीण जिसमें महिलाएं, पुरुष एवं बच्चे भी शामिल हैं, खान में कोयला चोरी के उद्देश्य से चोरी- छिपे प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करके अवैध उत्खनन का कार्य करते हैं। अवैध उत्खनन से हाल ही में दीपका खदान में दुर्घटना हुई थी जिसमें चार ग्रामिणों की जान चली गयी थी एवं कुछ ग्रामिण घायल भी हुए थे । जिन्हें ग्राम सरपंच, प्रशासन एवं एस.ई.सी.एल. सुरक्षा कर्मियों एवं सीआईएसएफ के जवानों के द्वारा समझाने एवं वे मना किये जाने के बावजूद भी नहीं मानते है एवं खान में अवैध रूप से प्रवेश करते हैं।
एसईसीएल गेवरा प्रबंधन ने जान-माल की सुरक्षा के लिए गेवरा खान के अंदर कोई भी व्यक्ति, महिला अथवा बच्चे अवैध रूप से प्रवेश नहीं करें और न ही अवैध कोयला खनन के कार्यों में कोई ग्रामीण महिलायें, पुरुष एवं बच्चे संलिप्त हो ।