रायपुर। कांग्रेस के जातीय समीकरण के गणित को ध्वस्त करते हुए भाजपा ने दुर्ग का किला लगातार दूसरी बार फतह कर लिया। विधानसभा चुनाव में पराजय के दंश से उभरते हुए मौजूदा सांसद विजय बघेल ने न सिर्फ यह कमाल कर दिखाया बल्कि उन्होंने अपने पिछली जीत का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। पिछले चुनाव में उन्होंने 3 लाख 91 हजार 978 मतों से जीत दर्ज की थी। इस बार यह आंकड़ा 4 लाख 38 हजार 226 पहुंच गया। सांसद विजय बघेल ने कांग्रेस के राजेंद्र साहू को सीधे मुकाबले में पराजित किया।
बघेल ने चुनाव समर में उतरे 25 प्रत्याशियों के भाग्य के फैसले के लिए डाले गए 15 लाख 40 हजार 260 में से 9 लाख 56 हजार 497 मत प्राप्त किए। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र साहू को 5 लाख 18 हजार 271 मतों से संतोष करना पड़ा। चुनाव में किस्मत आजमा रहे शेष 23 प्रत्याशियों का प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहा।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में पराजय का तोड़ निकालते हुए कांग्रेस ने बहुसंयक साहू समाज के राजेंद्र साहू को उतारकर जातीय समीकरण के बूते चुनावी वैतरणी पार लगाने की जुगत लगाई थी। जबकि भाजपा ने मोदी मैजिक के सहारे सांसद विजय बघेल पर दोबारा दांव लगाया था।
देश के सबसे बड़े पंचायत लोकसभा में अपने प्रतिनिधि के चुनाव के लिए संसदीय क्षेत्र के 20 लाख 90 हजार 414 मतदाताओं में से 15 लाख 40 हजार 260 ने 7 मई को अपना फैसला ईवीएम में दर्ज कराया था। इन मतों की गणना मंगलवार को भिलाई के शंकराचार्य कॉलेज और बेमेतरा के कृषि उपज मंडी परिसर में बनाए गए मतगणना केंद्र में किया गया।
शंकराचार्य कॉलेज में जिले के 6 विधानसभा पाटन, दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण, भिलाई नगर, वैशाली नगर व अहिवारा विधानसभा में डाले गए 9 लाख 55 हजार 323 मतों की गणना की गई। इसके लिए विधानसभावार मतगणना केंद्र बनाए गए थे।
इसी तरह बेमेतरा जिला मुयालय में 3 विधानसभा बेमेतरा, साजा व नवागढ़ में डाले गए 5 लाख 84 हजार 937 मतों की गणना की गई। देर रात दोनों जिले में विधानसभावार प्रत्याशियों को प्राप्त मतों को एकजाई कर अंतिम परिणाम की घोषणा की गई।
इसलिए हारे राजेंद्र –
नहीं चला जातीय समीकरण
लोकसभा में साढ़े 4 लाख से ज्यादा साहू समाज के वोटर्स हैं। कांग्रेस पूर्व में इसी जातीय समीकरण के बूते लोकसभा का चुनाव (Lok Sabha Election 2024) जीत चुकी है। इसके देखते साहू समाज से प्रत्याशी उतारा गया, लेकिन इस बार वोटर्स लामबंद नहीं हो पाए। भाजपा साहू समाज के अपने परंपरागत वोट को बचाने में सफल रही।
बड़े नेताओं की चुनाव से दूरी
बड़े नेताओं के गैर मौजूदगी का भी खामियाजा उठावा पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और विधायक देवेंद्र यादव चुनाव लड़ने दूसरे संसदीय क्षेत्र में चले गए। उनके साथ उनके समर्थक भी चले गए। हालांकि अंतिम दिनों में कुछ दिन लौटने के बाद इन नेताओं ने भी प्रचार किया।
चला मोदी का जादू
भाजपा ने देशभर में प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व को आगे कर चुनाव प्रचार किया। उनके नाम पर गारंटियां भी दी। इसका असर दुर्ग में भी दिखा। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का शहरी व युवा मतदाताओं में खासा प्रभाव माना जाता है। भिलाई व वैशाली नगर में इसका प्रभाव रहा।
सरकार का कामकाज
प्रदेश में छह माह पहले सत्ता संभालने के बाद भाजपा ने घोषणाएं पूरी करनी शुरू की है। इसका भी असर चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में दिखा। खासकर महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहयता के रूप में एक हजार रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा है। विजय बघेल ने ही इस योजना की रूपरेखा बनाई थी।
मजबूत प्रबंधन
भाजपा प्रत्याशी के मजबूत प्रबंधन के चलते विरोधी खेमे के नेता नुकसान पहुंचाने वाला काम नहीं कर पाए। चुनाव (Lok Sabha Election 2024) प्रचार और बूथ प्रबंधन में भी भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस से काफी आगे रहे। इसका भी असर चुनाव परिणाम में हुआ।