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छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : बेरोजगारी भत्ता का नियम ऐसा युवा हो रहे निराश ..

रायपुर। चुनावी वर्ष में राज्य सरकार ने 2500 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का अपना वादा तो पूरा किया है, लेकिन नियमों में इतने पेंच लगा दिए हैं कि बेरोजगार पसोपेश में है कि आवेदन दें या न दें। बेरोजगारी भत्ता के लिए रोजगार कार्यालय में दो वर्ष का पंजीयन, परिवार की कुल वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम, परिवार में कोई सरकारी नौकरी न करता हो, परिवार में किसी को 10 हजार रुपये की पेंशन न मिलती हो, दो एकड़ से कम कृषि भूमि हो आदि नियम हैं।

राज्य में 18 लाख से अधिक पंजीकृत बेरोजगार हैं। इनमें से करीब 50 हजार लोग बेरोजगारी भत्ता के पात्र हैं। विपक्ष इसे चुनावी शिगूफा बता रहा है। बेरोजगारी भत्ते के लिए रोजगार विभाग अभी तक पोर्टल तक नहीं बना पाया है। सरकार ने एक अप्रैल से बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन सर्वे शुरू नहीं होने की वजह से प्रदेश में बेरोजगारों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद कम जताई जा रही है। रोजगार विभाग की ओर से जिलों में रोजगार अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाना है।

बेरोजगारी भत्ते के लिए यह हैं नियम –

1. उम्र 18 से 35 वर्ष

2. कम से कम 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी

3. जिला रोजगार एवं स्वरोजगार केंद्र में पंजीकृत हों, या रोजगार पंजीयन दो साल पुराना हो

4. आवेदक की आय का कोई स्त्रोत ना हो, परिवार की कुल आय 2.50 लाख सालाना से अधिक ना हो

5. आवेदक छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो।

6. पहले चरण में एक वर्ष के लिए यह भत्ता मिलेगा।

बेरोजगार भत्ते के अन्य नियम –

1. एक परिवार से एक ही व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा।

2. परिवार में 10 हजार रुपए या उससे ज्यादा की मासिक पेंशन प्राप्त करने वाले परिवार के सदस्य को भत्ते की पात्रता नहीं होगी।

3. परिवार में अगर किसी की ग्रुप डी या चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी छोड़कर इसके अलावा अन्य स्तर पर सरकारी नौकरी किए जाने पर आवेदक को भत्ता प्राप्त नहीं होगा।

4. किसी आवेदक को स्वरोजगार, सरकारी या प्राइवेट नौकरी का आफर दिया जाता है और आवेदक आफर स्वीकार नहीं करता है तो भी आवेदक को बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र माना जाएगा।

5. पूर्व और वर्तमान मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद, पूर्व या वर्तमान विधायक, निगम के पूर्व या वर्तमान महापौर, जिला पंचायत के पूर्व वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्यों को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलेगा।

6. असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भर चुके परिवार के सदस्य को भत्ता नहीं मिलेगा।

7. इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट, पंजीकृत आर्किटेक्ट के परिवार के सदस्यों को रखने वालों को भत्ता नहीं मिलेगा।

8.छह माह बाद बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की जांच होगी।

9. बेरोजगारी भत्ता प्राप्त क रने वाले आवेदकों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण से इंकार करने पर उन्हें भत्ता नहीं दिया जाएगा।

फैक्ट फाइल –

रोजगार विभाग में पंजीकृत

कुल पंजीकृत- 18, 79,126

सरकारी नौकरी में-33,333

निजी क्षेत्रों में नौकरी- 50,725

(नोट-रोजगार कार्यालय में पंजीयन तीन वर्ष के लिए होता है- आंकड़े 2019 से फरवरी 2023 तक)

बेरोजगारों ने कहा-नियमों में संशोधन किया जाए –

बेरोजगारी भत्ते पर बने नियमों पर प्रदेश के विभिन्न् जिलों के बेरोजगारों ने कहा कि सरकार को नियमों में सरलता लानी चाहिए। रायपुर के धरसींवा ब्लाक के पुरेंद्र साहू ने कहा कि कैंपस प्लेसमेंट में भाग लेने और निजी कंपनी में रोजगार का आफर स्वीकार नहीं करने पर भी बेरोजगारी भत्ता प्रदान नहीं किया जाएगा। ऐसे नियमों में फेरबदल होना चाहिए। दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के संजय वर्मा ने भी कहा कि प्लेसमेंट कैंप में यदि नाम आ जाए और कम वेतन के चलते नौकरी स्वीकार नहीं की जाए तब पर भी बेरोजगारी भत्ते के लिए पात्र नहीं होंगे। अभनपुर ब्लाक के 12वीं पास बेरोजगार युवा तोषणलाल ने बताया कि सरकार की घोषणा के दिन यानि 2018 से ही यह बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए। साथ ही 35 वर्ष से अधिक 40 वर्ष तक के युवाओं को नियमों में शामिल करना चाहिए।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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