पंडरिया : छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू होगा। इस सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान विधानसभा के प्रथम दिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने पीएम श्री योजना, राजस्व विभाग एवं वन विभाग से सम्बंधित प्रश्न सदन में उठाए। इसके साथ ही उन्होंने सदन में ध्यानाकर्षण के दौरान कबीरधाम जिले के बिरकोना में किसान कोमल साहू के संदेहास्पद स्थिति में हुई मृत्यु की जांच के विषय में भी ध्यान आकर्षित किया।
विधायक भावना बोहरा ने किसान कोमल साहू की संदेहास्पद स्थिति में हुई मृत्यु को मृतक के परिवारजनों द्वारा हत्या की दृष्टि से इसकी जांच करने की मांग करने की बात कही।उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा इस हादसे की जांच हेतु एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए था और 7 दिवस के भीतर इसकी रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक एसआईटी द्वारा जांच का प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया है। जांच में हुए विलंब के कारण परिवार को न्याय मिलने में भी देरी हो रही है इसलिए उनके परिवार के हित को देखते हुए जल्द से जल्द हत्या के दृष्टिकोण से इसकी जांच की जाए। इसके साथ ही पुलिस द्वारा जांच में इस हादसे को आत्महत्या बताया जा रहा है, परिवारजनों का अनुरोध है कि यदि यह आत्महत्या है तो इसमें कोमल साहू को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने की दृष्टि से भी जांच की जाए ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आए और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
उन्होंने आगे कहा कि पंचनामें के बाद जिस व्यक्ति के हस्ताक्षर पंचनामे में लिए गए उसी व्यक्ति के हस्ताक्षर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उपस्थित हैं परंतु वह व्यक्ति पोस्टमार्टम के पश्चात या पोस्टमार्टम के वक्त उस स्थान पर उपस्थित नहीं था, तो फिर उस व्यक्ति के हस्ताक्षर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कैसे उपस्थित हो सकते हैं? यह भी एक जांच का विषय है और कहीं न कहीं इस घटना में व उसकी जांच में संदेह पैदा करता है। गृह मंत्रालय एवं पुलिस प्रशासन द्वारा इस घटना को गंभीरता से लेने की बात कहते हुए भावना बोहरा ने इसकी जांच जल्द करने एवं यदि यह हत्या है और अगर आत्महत्या है तो उसके लिए दुष्प्रेरित करने वाले आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग उनके द्वारा की गई। ध्यानाकर्षण के दौरान भावना बोहरा द्वारा उठाये इस विषय में कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने भी चर्चा करते हुए अपने महत्वपूर्ण सुझाव सदन में रखे।
विधायक भावना बोहरा ने प्रशन करते हुए पूछा कि पीएम श्री योजना के तहत कितने स्कूलों को स्वीकृति दी गई है, वर्तमान में कितने स्कूलों का संचालन किया जा रहा है एवं शेष स्वीकृत स्कूलों का संचालन कब तक शुरू किया जाएगा? उन्होंने जिलेवार स्कूलों की जानकारी देने के साथ ही पंडरिया विधानसभा अंतर्गत कुल कितने पीएम श्री स्कूलों को स्वीकृति दी गई है एवं उनमें से कितने स्कूल संचालित है व अन्य शेष स्कूल कब तक स्वीकृति दी जाएगी इस विषय में सदन के समक्ष प्रश्न रखा। जिसका मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लिखित में उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेश में प्रथम चरण अंतर्गत 211 पीएमश्री शालाएं एवं तृतीय चरण में दिनांक 08.07.2024 अंतर्गत 52 शालाएं भारत सरकार से स्वीकृत हुई है। इस प्रकार से कुल 263 शालाएं स्वीकृत हैं। स्वीकृत स्कूलों में 211 स्कूलों का संचालन पीएम श्री योजना अंतर्गत किया जा रहा है। शेष 52 स्कूलों का पीएम श्री योजना अंतर्गत परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पी.ए.बी.) से बजट स्वीकृति उपरांत शीघ्र संचालित होंगे । प्रत्येक विकासखण्ड/नगरीय निकाय में अधिकतम 02 विद्यालय के स्वीकृति का प्रावधान है। पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 02 पीएमश्री स्कूल स्वीकृत किए गये है। वर्तमान में 01 स्कूल पीएम श्री योजना अंतर्गत संचालित है। शेष 01 स्कूल का पीएम श्री योजना अंतर्गत परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पी.ए.बी.) से बजट स्वीकृति उपरांत शीघ्र संचालन होगा।
भावना बोहरा ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश में राज्य सरकार जिन भूमि को सार्वजनिक प्रयोजन हेतु अधिग्रहित कर रही है, उससे प्राप्त सेवा शुल्क की राशि वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कितनी थी? सेवा शुल्क से प्राप्त राशि के उपयोग का क्या प्रावधान है? राशि का वितरण किन-किन विभागों को किस प्रयोजन के तहत किया जाता है ? एवं उस राशि का उपयोग किन-किन विभागीय कार्यों हेतु किया जाता है? के सन्दर्भ में प्रश्न किया जिसका उत्तर देते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 109915981 रुपए एवं 2023-24 में 79072377 रुपए सेवा शुल्क प्राप्त हुई थी। वहीं स्वामित्व योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाला भूस्वामी अधिकार से संबंधित कितने स्वामित्व कार्ड वितरित किए जा चुके हैं ? कितने कार्ड का वितरण शेष है एवं शेष कार्ड कब तक वितरित किए जाएंगे? स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन के माध्यम से जमीन का सर्वे का काम किन-किन जिलों में पूर्ण हो चुका है? इस विषय में जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि स्वामित्व योजना अंतर्गत राज्य में भू-स्वामी अधिकार से संबंधित स्वामित्व कार्ड का वितरण नहीं किया गया है तथा सभी 33 जिलों के आबादी ग्रामों का ड्रोन फ्लाई का कार्य पूर्ण हो चुका है।
भावना बोहरा ने आज प्रथम दिन चार प्रश्न सदन में उठाए जिसमें वन विभाग से सम्बंधित प्रश्न भी शामिल था, जिसमें उन्होंने सी.ई.आर. (कॉर्पोरेट एनवायरमेंटल रेस्पोंसिबिलीटी) के सन्दर्भ में प्रश्न करते हुए उसके लिए जारी दिशा निर्देश, दुर्ग संभाग में कितनी संस्थाओं,उद्योग व प्रोजेक्ट को सी.ई.आर. में शामिल करना उससे सम्बंधित जानकारी सार्वजानिक डोमेन में उपलब्ध करने व जिन संस्थाओं द्वारा सी.ई.आर. का प्रावधान व्यय नहीं किया गया है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है उस संबंध में प्रश्न किया।