
रायपुर। छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को अब राज्य की सरकारी योजनाओं का लाभ उनके निवास स्थान से दूर, अन्य राज्यों में भी मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रवासी श्रमिकों के लिए श्रमिक सहायता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, राज्य के बाहर काम कर रहे श्रमिकों को उनके स्थान पर भी राज्य की योजनाओं का लाभ मिलेगा।
श्रम विभाग के अंतर्गत योजना की शुरूआत
श्रम विभाग द्वारा दिल्ली, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में श्रमिक सहायता केंद्र खोले जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से श्रमिकों को राज्य की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा। अधिकारीयों के अनुसार, नवंबर के पहले कुछ हफ्तों में इन केंद्रों की शुरुआत की जाएगी। लाभ उठाने के लिए श्रमिकों को श्रम विभाग के अंतर्गत पंजीयन कराना होगा।
महत्वपूर्ण योजनाएं और लाभ
– महत्वारी जतन योजना: इस योजना के तहत, छत्तीसगढ़ से बाहर रहने वाली गर्भवती महिलाओं को 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। गुजरात में पहला प्रवासी श्रमिक केंद्र खोला जाएगा, जहां से महिलाएं इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगी।
– मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना: 60 वर्ष तक के निर्माण श्रमिकों को एकमुश्त 20 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी।
– मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना: पहले दो बच्चों को 1 हजार से 10 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
– श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा सहायता: पहली कक्षा से स्नातकोत्तर तक के बच्चों को 500 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक की मदद प्रदान की जाएगी।
– गंभीर बीमारी पर सहायता: श्रमिकों को गंभीर बीमारियों के लिए 50 हजार रुपये तक की सहायता दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य छत्तीसगढ़ से बाहर काम करने वाले श्रमिकों को राज्य की सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना है। इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है और अन्य राज्यों में श्रमिक सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।”
इस पहल से छत्तीसगढ़ी प्रवासी श्रमिकों को महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद है, जिससे उनके जीवन में सुधार हो सकेगा।