रायपुर। छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ एक नई और तेज कार्रवाई की योजना बनाई गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के अनुसार, राज्य में नशीली पदार्थों के नेटवर्क को नष्ट करने, अपराधियों की धरपकड़ करने और नशे के आदी व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए एक सख्त नीति बनाई जाएगी।
उम्मीद जताई जा रही है कि इस नीति के तहत प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध कारोबारियों की धरपकड़ तेज होगी और 15 से अधिक राज्यों में फैले नशे के सप्लाई नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सकेगा। पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ को गांजा, अफीम और अन्य सूखे नशीले पदार्थों की सप्लाई का प्रमुख कारिडोर बना दिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के रास्ते से आसपास के राज्यों में नशे की सप्लाई की जा रही है। राज्य के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच साल में गांजा तस्करी, ड्रग्स और सूखे नशे के 5,058 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिसमें 7,638 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें सबसे अधिक गांजे की तस्करी के मामले हैं।
छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले नशे के कारिडोर का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ है। इस नेटवर्क में ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कई गांव शामिल हैं।
प्रदेश में गांजा के अलावा, अफीम, हेरोइन और नशीली दवाओं का कारोबार भी बढ़ रहा है। 2023 तक 34 अफीम तस्करी के मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 2019 में ऐसा कोई मामला नहीं था। हेरोइन की तस्करी में भी 17 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिनमें 27 गिरफ्तारियां हुई हैं। गांजा तस्करी के मामलों में 2023 तक 1,041 गिरफ्तारियां की गई हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मादक पदार्थों की तस्करी का मुख्य मार्ग बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है, जहां से ओडिशा के मलकानगिरी से गांजा की सप्लाई की जाती है। मलकानगिरी की पहाड़ी क्षेत्रों में गांजा की खेती होती है, जो छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश की सीमाओं से होकर जाती है।
नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट (एनडीटीटी) एम्स की रिपोर्ट के अनुसार, देश में शराब और गांजा नशे के प्रमुख पदार्थ हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि मोदी सरकार हर राज्य में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कार्यालय स्थापित करेगी और राज्य सरकारों के सहयोग से नशे के कारोबार को समाप्त करेगी।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी नशे के खिलाफ अभियान की शुरुआत की है और कहा कि नशे के ठिकानों को नेस्तनाबूत किया जाएगा।