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गेवरा दीपका क्षेत्र में छठ महापर्व की तैयारियाँ जोरों पर, सूर्य उपासना के लिए सजने लगे मंदिर और सरोवर

गेवरा दीपका क्षेत्र में छठ महापर्व की तैयारियाँ जोरों पर, सूर्य उपासना के लिए सजने लगे मंदिर और सरोवर

Sushil Tiwari Bobby

गेवरा दीपका क्षेत्र में छठ पूजा के पावन अवसर पर तैयारियाँ जोरों से चल रही हैं। यह महापर्व सूर्य देव की उपासना और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है, जिसमें व्रती महिलाएँ अपने परिवार के साथ जलाशयों पर पहुँचकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं।

मंदिर समिति के प्रमुख सदस्य भानु सिंह ने बताया कि SECL गेवरा ऊर्जानगर स्थित बड़े शिव मंदिर में पिछले 25 वर्षों से इस तालाब में  छठ मैया की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से की जा रही है मंदिर पहुंचने वाले सभी श्रद्धालु भक्त जनों को भोग प्रसाद का वितरण  मंदिर समिति की ओर से कराया जाता है इस अवसर पर मंदिर और सरोवर की साज सज्जा  बड़े आकर्षक ढंग से सजाया गया है । वहीं प्रगतिनगर स्थित छठ देव सरोवर में आयोजन समितियों ने विशेष सफाई अभियान चलाकर  सरोवरों की सजावट की है। इस सुंदर और पवित्र वातावरण में श्रद्धालुजन एक सुगम पूजा-अर्चना कर सकें, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं।

SECL दीपका विस्तार परियोजना में सीनियर ओवरमैन प्रगति नगर निवासी श्री मति मधु प्रसाद अनिल प्रसाद ने बताया कि छठ महापर्व चार दिनों का लंबा अनुष्ठान होता है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, जिसमें व्रती सबसे पहले पवित्र स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। दूसरे दिन खरना के रूप में उपवास रखा जाता है और शाम को गुड़ और चावल की खीर का प्रसाद बनाया जाता है। तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के लिए व्रती जलाशयों पर पहुँचते हैं और सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होता है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं का जोश देखने लायक होता है, जो परिवार और समाज में एकता, प्रकृति के प्रति आभार और स्वस्थ जीवन की प्रेरणा का प्रतीक है।

दीपका गेवरा और आसपास के क्षेत्र में छठ महापर्व की यह रौनक अब धीरे-धीरे बढ़ते जा रही है और इसकी भव्यता से लोगों को आध्यात्मिक अनुभूति भी मिल रही है साथ ही समाज में दूसरे प्रदेशों के लोगों को में भी छठ पूजा के प्रति आस्था दिनों दिन बढ़ रही है जिसकी छठा 2 दिन तक तालाबो में देखने को मिलेगी।

sushil tiwari

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