
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुए डीजल की बल्क खरीदी पर वैट (VAT) में 6% की कटौती का ऐलान किया है। इससे राज्य में उद्योगों की लागत घटेगी और राजस्व को होने वाले नुकसान की भरपाई की उम्मीद है।
पहले थी अधिक वैट दरें –
अब तक छत्तीसगढ़ में डीजल की बल्क खरीदी पर 23% वैट और 1 रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता था। इसके चलते उद्योगपति डीजल खरीदने के लिए यूपी (17% वैट) और गुजरात (14% वैट) जैसे राज्यों का रुख करते थे। इस वजह से राज्य सरकार को 300 से 350 करोड़ रुपये तक के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता था।
नई व्यवस्था के फायदे –
अब उद्योगपतियों को डीजल की बल्क खरीदी पर सिर्फ 17% वैट देना होगा।
1 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी समाप्त कर दिया गया है।
इससे उद्योगों की परिचालन लागत में कमी आएगी।
राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होने की संभावना है।
राज्य सरकार का दृष्टिकोण –
सरकार का मानना है कि नई नीति के बाद उद्योगपति छत्तीसगढ़ में डीजल की खरीद बढ़ाएंगे। इससे राज्य को होने वाला राजस्व घाटा कम होगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा में बढ़त –
इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ का वैट ढांचा उत्तर प्रदेश (17%) और गुजरात (14%) के करीब आ गया है, जिससे राज्य अब औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में बेहतर स्थिति में रहेगा।
सरकार के इस फैसले से राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और व्यापारियों का विश्वास बढ़ेगा।