छत्तीसगढ़ में जनजातीय गौरव दिवस : केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे पदयात्रा

Tribal Pride Day in Chhattisgarh: Union Minister Dr. Mandaviya and Chief Minister Vishnu Dev Sai will undertake a padyatra.
रायपुर। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 13 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ के जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर माई भारत यूथ वालंटियर्स के साथ पदयात्रा करेंगे। इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और राज्य के अन्य मंत्री भी शामिल होंगे।
यह कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर उनकी विरासत और आदिवासी समुदायों के देश के विकास में योगदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
10 हजार से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स लेंगे भाग –
इस विशेष आयोजन में आदिवासी संस्कृति और विरासत को सम्मानित करने, समावेशिता को बढ़ावा देने और आदिवासी समुदायों के लिए लाभकारी सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 10 हजार से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स भाग लेंगे, जो आदिवासी संस्कृति और विरासत के संरक्षण के लिए प्रयासरत रहेंगे।
पदयात्रा कोमड़ो गांव से शुरू होकर लगभग 7 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रणजीत स्टेडियम में समाप्त होगी। इस यात्रा का उद्देश्य युवाओं, आदिवासी नेताओं और समुदाय के लोगों को आदिवासी विरासत और संस्कृति का उत्सव मनाने के लिए एकजुट करना है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नृत्यों से होगी कार्यक्रम की शुरुआत –
कार्यक्रम की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नेताओं के योगदान को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नृत्यों से होगी। पदयात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के तहत वृक्षारोपण से होगी।
पारंपरिक नाटकों का किया जाएगा आयोजन –
इस यात्रा के दौरान एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि और भारतीय आदिवासी समुदायों की कला और शिल्प कौशल का प्रदर्शन होगा।
पदयात्रा के मार्ग में विभिन्न ठहराव स्थलों पर आदिवासी संस्कृति, रंगोली कला, पेंटिंग और पारंपरिक नाटकों का आयोजन किया जाएगा। सीधी प्रसारित कार्यशालाएं उपस्थित लोगों को आदिवासी नृत्य, संगीत और साहित्य से जोड़ेंगी, जबकि आदिवासी खाद्य पदार्थों के चयन के माध्यम से उनके स्वास्थ्य लाभों को भी बताया जाएगा।