रायपुर। राजधानी के मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामले में पांच छात्रों पर कार्रवाई हुई है। कालेज के एंटी रैगिंग कमेटी की अनुशंसा पर डीन डॉ. विवेक चौधरी ने एक माह के लिए निलंबित किया है। इधर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के मेडिकल कॉलेज में भी रैगिंग की शिकायत सामने आई है। एम्स प्रबंधन ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
रायपुर मेडिकल कॉलेज में रविवार को रैगिंग का मामला सामने आया था, जिसके बाद दो छात्रों को दस दिनों के लिए निलंबित किया गया था। पीड़ित छात्रों ने दोबारा नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। एनएमसी के निर्देश पर सोमवार को दोबारा कमेटी की बैठक हुई, जिसमें तीन और छात्रों को रैगिंग में संलिप्त पाया गया।
स्वजन से मांगा गया शपथ पत्र –
कमेटी ने रैगिंग में सलिप्त पांचों छात्रों के स्वजन को भी सोमवार को मेडिकल कॉलेज बुलाया था। स्वजन को बेटों की संलिप्तता की पूरी जानकारी देकर 13 नवंबर तक शपथ पत्र जमा करने के निर्देश दिए थे। शपथ पत्र के साथ बुधवार को स्वजन मेडिकल कॉलेज पहुंचेंगे। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है कि रैगिंंग में एफआईआर कराने का भी प्रविधान है, लेकिन इससे करियर बर्बाद हाे जाएगा।
देर रात तक जबरदस्ती करा रहे काम –
एम्स प्रबंधन को सोमवार की देर रात रैगिंग की सूचना मिली थी। मंगलवार की सुबह एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। इसमें मामले की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को जांच रिपोर्ट यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) को भेजी जाएगी। यूजीसी के एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत की गई थी। यूजीसी ने इसकी जानकारी एम्स प्रबंधन को दी थी।
हेल्पलाइन पर की गई शिकायत में कहा गया है कि एम्स में 14 नवंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय ओरियाना कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है। इसकी जिम्मेदारी सीनियर छात्रों को मिली है। 2022 बैच के सीनियर 2023 बैच के विद्यार्थियाें से जबरदस्ती आयोजन की तैयारी में देर रात तक काम ले रहे हैं। साथ ही अभद्र व्यवहार भी करते हैं।
पांच छात्रों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। साथ ही स्वजन को शपथ पत्र के साथ बुधवार को बुलाया गया है। दोषी छात्रों का नाम दोबारा ऐसी घटना में आता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डा. विवेक चौधरी, डीन, मेडिकल कॉलेज, रायपुर
रायपुर एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ. मृत्युंजय राठौर ने कहा, एम्स में रैगिंग के प्रति जीरो टालरेंस की नीति है। यही कारण है कि जूनियर विद्यार्थियों के रहने के लिए अलग से कैंपस बनाया गया है। शिकायत पर एंटी रैगिंग कमेटी की ओर से जांच शुरू कर दी गई है।