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छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : कांगेर वैली नेशनल पार्क में चमगादड़ की ऐसी प्रजाति, आप भी देख रह जाएंगे दंग

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में स्थित कांगेर वैली नेशनल पार्क में चमगादड़ की ऐसी प्रजाति देखने को मिली है, जिसे वैश्विक स्तर पर विलुप्तप्रायः श्रेणी में रखा गया है। नारंगी व काले रंग के इस चमगादड़ का वैज्ञानिक नाम केरीवोला पिक्टा है। इसे देखने पर लगता है कि किसी कलाकार ने बेहद ही खूबसूरती के साथ इसे नारंगी और काले रंग में पेंट किया है। इन्हीं खास रंगों के कारण इस स्तनधारी जीव को पेंटेड बैट या बटरफ्लाई बैट भी कहते हैं। नेशनल पार्क के क्षेत्र में होम स्टे के कांसेप्ट के साथ काम करने वाले समाजसेवी शकील रिजवी ने बताया कि दो दिन पहले नेशनल पार्क क्षेत्र में घने जंगल के अंदर उन्होंने इस दुर्लभ प्रजाति के जीव को देखा था।

नारंगी और काले रंग में खूबसूरत दिखने वाले चमगादड़ को देख वे उसकी ओर आकर्षित हुए पर कुछ ही पल में वह नजर से ओझल हो गया। बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के साथ काम कर रहे पक्षी विज्ञानी रवि नायडू ने दो वर्ष पहले पार्क क्षेत्र से लगे बड़ेबोदल में पहली बार इस चमगादड़ को देखा था। इस पर उनका शोध पत्र वाइल्ड लाइफ प्रिजर्वेशन सोसाइटी के जरनल चीतल में भी प्रकाशित हो चुका है। रवि बताते हैं कि रंग-बिरंगे प्रजाति के चमगादड़ की यह एकमात्र भारतीय प्रजाति है। यह स्तनधारी जीव सूखे इलाकों, ट्रीहाउस, गुफाओं व कंदराओं में पाया जाता है। इसका वजन मात्र पांच ग्राम तक होता है। 38 दांत वाला यह चमगादड़ सिर्फ कीड़े-मकोड़े खाता है। चमगादड़ों की यह प्रजाति भारत और चीन समेत कुछ एशियाई देशों में भी मिलती है। चमगादड़ के दूसरी प्रजातियों के मुकाबले यह बेहद खूबसूरत है।

अब तक भारत में सात-आठ बार ही देखा गया –

विश्व स्तर पर विभिन्ना प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति पर निगरानी रखने वाले सर्वोच्च संगठन अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने 2015 में जारी विश्व के विलुप्तप्रायः प्रजातियों के रेड लिस्ट में इसे रखा है। भारत में इस प्रजाति के चमगादड़ को अब तक सात-आठ बार ही देखा गया है। इससे पहले आंध्रप्रदेश में 2009, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 2016, नागपुर महाराष्ट्र में 2016, ओडिशा में 2017 व गुजरात के वेस्टर्न घाट के देवकरताल में 2017 में इसे देखा जा चुका है। 2020 में पहली बार यह कांगेर वैली नेशनल पार्क में देखा गया था।

कांगेर वैली में 20 प्रजातियां –

कांगेर वैली नेशनल पार्क के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया, भारत में चमगादड़ों की 131 ज्ञात प्रजातियां है। इसमें से 20 प्रजातियां बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क में देखी गई है, जिसमें पेंटेड बैट भी है। इसका प्रजाति का पता हाल ही में चला है। इसके संरक्षण के प्रयास विभागीय स्तर पर किए जा रहे हैं। 200 वर्ग किमी में विस्तृत कांगेर वैली नेशनल पार्क कई तरह के दुर्लभ वन्य जीवों का रहवास है। यहां स्थित कोटमसर गुफा में एक विशेष तरह की मछली भी पाई जाती है, जिसने कभी रौशनी नहीं देखी। इस वजह से इसे अंधी मछली भी कहते हैं।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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