जगदलपुर। बीजापुर जिले के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर (28) की हत्या के मामले ने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। उनका शव 3 जनवरी की शाम उनके रिश्तेदार के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया। शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई, वहीं शनिवार को पत्रकारों ने हत्या के विरोध में नेशनल हाईवे-63 पर चक्का जाम कर दिया।
हत्या का निर्मम तरीका, गला घोंटा और कुल्हाड़ी से किए वार
शव की हालत देखकर हत्या की बर्बरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। मुकेश का पहले गला घोंटा गया, फिर उनके सिर, गर्दन और चेहरे पर कुल्हाड़ी से कई वार किए गए। सिर पर ढाई इंच गहरा घाव मिला है। हत्या के बाद शव को बैडमिंटन कोर्ट परिसर स्थित सेप्टिक टैंक में डालकर 4 इंच मोटे कंक्रीट स्लैब से ढक दिया गया ताकि किसी को शक न हो और बदबू बाहर न आए।
गुमशुदगी से हत्या का खुलासा: पत्रकारों की सूझबूझ से हुआ बड़ा खुलासा –
1 जनवरी : मुकेश चंद्राकर घर से लापता हुए।
2 जनवरी : भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
3 जनवरी : पत्रकारों और पुलिस की टीम ने सेप्टिक टैंक से शव बरामद किया।
मुकेश का फोन बंद होने के कारण उसकी अंतिम लोकेशन घर के आस-पास ही दिखाई दे रही थी। पत्रकारों ने Gmail लोकेशन के जरिए खुद मुकेश की लोकेशन का पता लगाया, जो चट्टानपारा स्थित बैडमिंटन कोर्ट परिसर में मिली।
CCTV फुटेज में मुकेश अंतिम बार टी-शर्ट और शॉर्ट्स में दिखाई दिए। इसके बाद पत्रकारों और पुलिस की टीम ने इलाके की गहन तलाशी ली। सेप्टिक टैंक पर कंक्रीट का स्लैब बिना किसी सफाई चेंबर के बना हुआ था, जो शक को गहरा करता गया।
रिश्तेदारों पर शक : ठेकेदार सुरेश चंद्राकर जांच के घेरे में –
इस हत्याकांड में मुख्य संदेह मुकेश के रिश्तेदार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके भाई रितेश चंद्राकर पर गहराता जा रहा है।
मुकेश ने कुछ दिन पहले 120 करोड़ की सड़क परियोजना में अनियमितताओं पर रिपोर्टिंग की थी।
यह प्रोजेक्ट सुरेश चंद्राकर के ठेके में था।
रिपोर्टिंग के बाद मुकेश और सुरेश के बीच विवाद की खबरें भी सामने आई थीं।
पत्रकारों का विरोध: NH-63 पर चक्का जाम –
मुकेश की हत्या से आक्रोशित पत्रकारों ने शनिवार को नेशनल हाईवे-63 पर चक्का जाम कर दिया। पत्रकारों ने न्याय की मांग करते हुए दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और सख्त कार्रवाई करने की अपील की।
मुख्यमंत्री का बयान, न्याय का आश्वासन –
मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “मुकेश चंद्राकर की हत्या न केवल पत्रकारिता पर हमला है, बल्कि यह न्याय व्यवस्था को चुनौती है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी सजा दी जाएगी।”
आगे की जांच जारी –
पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और पूछताछ जारी है। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके भाई रितेश चंद्राकर से भी गहन पूछताछ की जा रही है।
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पत्रकारिता जगत को गहरा झटका दिया है। यह मामला पत्रकारों के सामने आने वाले खतरों को उजागर करता है। अब प्रदेश की जनता, पत्रकार समुदाय और परिजन इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।