
छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक बजट पेश: ह
सुशील तिवारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्य का बहुप्रतीक्षित बजट पेश किया गया। राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सरकार का दूसरा बजट प्रस्तुत किया, जिसमें विकास, जनकल्याण और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस बजट की खास बात यह रही कि यह पहली बार हाथ से लिखा हुआ बजट था, जिसे लेकर विधानसभा में विशेष उत्साह देखा गया।
CM विष्णुदेव शाह ने की वित्त मंत्री की प्रशंसा
बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव शाह ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी की सराहना करते हुए कहा, “यह पहला मौका है जब हाथ से लिखा हुआ बजट प्रस्तुत किया गया है। यह काबिले तारीफ है और हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह बजट प्रदेश के विकास को नई दिशा देगा और हर वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
जनता और विकास को प्राथमिकता
इस बजट में सरकार ने सभी वर्गों को राहत देने के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया है। बजट की कुछ प्रमुख घोषणाएँ इस प्रकार हैं:
- सरकारी कर्मचारियों को राहत: महंगाई भत्ता (DA) 53% तक बढ़ाया गया।
- ईंधन पर राहत: आम जनता के लिए पेट्रोल ₹1 प्रति लीटर सस्ता किया गया।
- परिवहन सुविधा: रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो ट्रेन सेवा शुरू करने की घोषणा।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: राजिम कुंभ के लिए 8 करोड़ रुपये का बजट आवंटित।
- तीर्थ यात्रा योजना: श्रद्धालुओं के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- अर्थव्यवस्था में सुधार: प्रत्येक जिले की GDP अलग से गणना होगी।
- CM एक्सीलेंस अवॉर्ड: उत्कृष्ट कार्यों को बढ़ावा देने के लिए 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार।
- सड़क निर्माण को बढ़ावा: नई सड़कों के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- रामलला दर्शन योजना: धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए 36 करोड़ रुपये का बजट।
- डोंगरगढ़ परिक्रमा मार्ग: विशेष विकास योजना।
- PWD सड़क परियोजना: 9500 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश।
- CM हेल्पलाइन: नागरिक सहायता के लिए 22 करोड़ रुपये आवंटित।
- चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा: छत्तीसगढ़ में 6 नए फिजियोथैरेपिस्ट कॉलेज खुलेंगे।
सरकार की प्रतिबद्धता और आगे की राह
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है। सरकार की प्राथमिकता शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण पर केंद्रित है। बजट के दौरान विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे ऐतिहासिक बताया, वहीं विपक्ष ने कुछ मुद्दों पर सवाल उठाए।
बहरहाल, हाथ से लिखे इस बजट ने विधानसभा में एक नई परंपरा की शुरुआत की है, जिसे लेकर पूरे राज्य में चर्चा हो रही है।