Chhattisgarh Investor Connect: CM विष्णुदेव साय ने जगदलपुर में निवेशकों को दी बड़ी सौगात

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को जगदलपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बस्तर को राज्य की नई औद्योगिक नीति का केंद्र बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों और प्राकृतिक संपदा से भरा यह क्षेत्र विकास की अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। माओवादी आतंक के कारण वर्षों तक विकास रुका रहा, लेकिन अब बस्तर तेजी से माओवाद मुक्त होकर निवेश के स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जापान के टोक्यो, ओसाका और दक्षिण कोरिया के सियोल के बाद इंवेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम की अगली श्रृंखला के लिए बस्तर को चुना गया है। यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार तेज़ी से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में जुटी है और इसके लिए नई औद्योगिक नीति तैयार की गई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन और सुधार के मंत्र पर आधारित है।
सिंगल विंडो सिस्टम से मिलेगा निवेशकों को लाभ
विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार ने निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में निवेश स्वीकृत होते ही उन्हें त्वरित सुविधा मिलेगी। उन्होंने नवा रायपुर में स्थापित भारत के पहले एआई डाटा सेंटर पार्क, फार्मास्युटिकल पार्क, मेडिसिटी और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर का उदाहरण दिया।
बस्तर के विभिन्न जिलों और विकासखंडों में नए लघु औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जा रही है। जगदलपुर के ग्राम फ्रेजरपुर और गीदम रोड में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं, वहीं नियानार (नगरनार), लखनपुरी (कांकेर), टेकनार (दंतेवाड़ा) और नारायणपुर में भी औद्योगिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं। सुकमा, कोंडागांव और बीजापुर में भी औद्योगिक क्षेत्रों का विकास जारी है।
बस्तर को भारत का स्वर्ग मानते हैं मुख्यमंत्री
सीएम साय ने कहा कि बस्तर को पर्यटन उद्योग का दर्जा दिया गया है ताकि यहां पर्यटकों की संख्या बढ़े। जो निवेशक बस्तर के पर्यटन क्षेत्र में निवेश करेंगे, उन्हें 45 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी। इससे होटल, इको-टूरिज्म, वेलनेस और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में निवेश के नए अवसर खुलेंगे। होम स्टे पर विशेष अनुदान भी दिया जाएगा ताकि स्थानीय उद्यमी पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में आगे आएं।
बस्तर की वन उपज और कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। स्किल डेवलपमेंट पर खास ध्यान दिया जा रहा है और बस्तर के 32 ब्लॉकों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को प्रशिक्षित कर उद्योगों के लिए सक्षम मानव संसाधन उपलब्ध कराया जा सके।
नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए विशेष प्रोत्साहन
कार्यक्रम में नक्सल प्रभावित परिवारों को उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष अनुदान और छः वर्षों तक वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई। पर्यटन, कृषि-बागवानी, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्योगपतियों को भी विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। स्थानीय लोगों को उद्योग स्थापित करने और रोजगार सृजन में प्राथमिकता दी जाएगी।
इस मौके पर एनएमडीसी ने भी छत्तीसगढ़ के औद्योगिक और सामाजिक विकास में अपनी भूमिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम की शुरुआत बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह के स्वागत भाषण से हुई। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सुशासन तथा अभिसरण के सचिव राहुल भगत, बस्तर संभाग के कलेक्टर और बड़ी संख्या में निवेशक इस अवसर पर मौजूद थे।