
EOW ने राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में स्पेशल कोर्ट, रायपुर में लगभग 8,000 पन्नों का चालान (चार्जशीट) पेश किया है। सौम्या पर 50 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू ने इसे अब तक का सबसे बड़ा Disproportionate Assets Case बताया है।
आरोप और जांच का विवरण
ईओडब्ल्यू के अनुसार, सौम्या चौरसिया के खिलाफ अपराध क्रमांक 22/2024 दर्ज किया गया था। आरोप यह है कि उन्होंने भ्रष्ट माध्यमों से अवैध आय अर्जित की और उसे कोयला, डीएमएफ एवं अन्य प्रकरणों में निवेश किया। चार्जशीट में बताया गया है कि सौम्या ने अपने परिवार और अन्य व्यक्तियों के नाम पर लगभग 45 अचल संपत्तियों में बेनामी निवेश किया।
जांच के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि उनके 17 साल के सेवाकाल में कुल वैध आय लगभग 2.52 करोड़ रुपये थी, जबकि अवैध आय लगभग 49.69 करोड़ रुपये पाई गई। यह उनके कुल सेवाकाल की आय का 1872.86 प्रतिशत अधिक है।
अधिकारी के करियर का विवरण
सौम्या चौरसिया 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। उनकी प्रथम पदस्थापना डिप्टी कलेक्टर, कार्यालय कलेक्टर जिला बिलासपुर में हुई थी। इसके पहले वे 2005 में लेखाधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। वर्ष 2019 में उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव का पद मिला। जांच से यह भी स्पष्ट हुआ कि संपत्तियों में अवैध धन का सबसे अधिक निवेश 2019 से 2022 के बीच हुआ।
ईओडब्ल्यू के अनुसार
ईओडब्ल्यू ने प्रेस नोट में कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा आय से अधिक संपत्ति प्रकरण है। चार्जशीट में सौम्या के द्वारा अर्जित अवैध संपत्ति और उनके परिवार की भूमिका का विस्तार से उल्लेख किया गया है। अब मामला विशेष न्यायालय में आगे की सुनवाई के लिए रखा गया है।