कमर्शियल कोल माइनिंग के खिलाफ 18 अगस्त को आंदोलन
रायगढ़- केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी सत्याग्रह आंदोलन व कोयला उद्योग में प्रस्तावित हड़ताल पर केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने रूपरेखा तैयार कर ली है। हड़ताल को पेट्रोलियम सेक्टर, बिजली विभाग, ऑयल एंड नेचुरल रिसोर्स सेक्टर ने भी समर्थन दिया है। स्थानीय जिला महासचिव वीएम मनोहर ने बताया कि केंद्रीय मान्यता प्राप्त 10 श्रमिक संगठन व सभी सार्वजनिक क्षेत्रों में फेडरेशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक हुई। इसमें केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तथा कोयला श्रमिकों की प्रस्तावित एक दिवसीय हड़ताल के समर्थन को लेकर चर्चा हुई। कोयला सेक्टर के फेडरेशनों ने 18 अगस्त को कोयला श्रमिकों की प्रस्तावित हड़ताल का समर्थन करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। एचएमएस के केंद्रीय महामंत्री नाथूलाल पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए अपना एजेंडा पहले ही तय कर लिया है। कोल इंडिया लिमिटेड के रिजर्व फंड को, कोल इंडिया शेयर को बाय बैक करके छीन लेना चाहती है। कोल फेडरेशन ने कोल इंडिया लिमिटेड के भविष्य को लेकर अपनी चिंता जताई, क्योंकि 55 फीसद बिजली उत्पादन कोयले से होता है और 85 फीसद कोयले का उत्पादन कोल इंडिया करती है। पेट्रोलियम सेक्टर, बिजली विभाग, ऑयल एंड नेचुरल रिसोर्स सेक्टर ने एक दिवसीय हड़ताल पर पूरा सहयोग का वादा करते हुए 18 अगस्त को हड़ताल के लिए भी तैयार हैं। बैठक में तय किया गया कि 27 जुलाई को दोपहर 3 बजे फिर से दस केंद्रीय श्रम संगठन बैठक कर आगे की रूपरेखा तय करेंगे।