कबीरधाम

बंदी गृह को सुधार गृह के रूप में विकसित करें – कलेक्टर

कलेक्टर ने जिला जेल में सजा काट रहे कैदियों को कौशल विकास से जोड़ने के निर्देश दिए

कलेक्टर-एसपी ने जिला जेल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया

कवर्धा- कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण और पुलिस अधीक्षक श्री लाल उमेद सिंह ने आज सबेरे संयुक्त रूप से जिला जेल का औचक निरीक्षण कर बंदियों को उपलब्ध सुविधाओं और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने सहायक जेल अधीक्षक श्री डी.डी. टोंडर के साथ प्रत्येक बैरक में जाकर बंदियों का हाल-चाल पूछा और उनके झोले में रखें सामनों की जांच-पड़ताल की भी करवाया, जिससें पता चले की बंदियों द्वारा किसी तहत की नशीली पदार्थ एवं हिंसक औजार तो नहीं रखें है। कलेक्टर ने बैरकों की खिड़कियों में लगे ग्रील का भी बारीकी से जांच करवाया। उन्होंने जेल में बंद जिले तथा प्रदेश के बाहर के विचाराधीन बंदियों-गांजा तस्करी, मोबाईल चोरी, छेड़खानी, मारपीट, आदि से संबंधित अपराधियों से भी चर्चा की। कलेक्टर ने कवर्धा के जिला जेल में सजा काट रहे कैदियों और विचारधिन कैदियों को मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों से जोड़ने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होने कहा कि बंदी गृह को सुधार गृह रूप में विकसित करते हुए कैदियों को उनके रूचि के अनुरूप विशेष प्रशिक्षण भी आयोजित कर उन्हे आजीविका से जोड़ने के लिए कहा है, ताकि सजा काटने के बाद, जब बंदी गृह से बाहर अपने घर पहुंचे तो वह भी एक अच्छे इंसान की तरह अपनी नई जिंदगी की शुरूआत कर सके। उन्होंने जेल की पाकशाला, गौशाला, दवाखाना, स्टोररूम तथा जेल परिसर में साफ-सफाई का अवलोकन किया और बंदियों के नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश जेल अधीक्षक को दिए। निरीक्षण के दौरान सहायक जेल अधीक्षक श्री टोंडर ने बताया कि जेल में कुल 142 बंदी है, इनमें 134 विचाराधीन और 8 मियादी बंदी शामिल है। उन्होंने बताया कि बंदियों को मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत पशुधन विकास एवं डेयरी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

cgnewstime

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