कोरोना का डर पर शिक्षा भी जरूरी है इसलिए गली, मैदान और पेड़ के नीचे विद्यार्थियों की पढ़ाई हुई शुरू,100 से अधिक मोहल्लों में लगी क्लास
रायपुर- कोविड-19 के संक्रमण के कारण बच्चों की छूटी हुई पढ़ाई को देखते हुए शिक्षा विभाग ने जशपुर विकासखंड में दो गांव में मोहल्ला क्लास की शुरुआत की थी, जिसके अब बेहतर रिजल्ट आने लगे हैं। डीईओ के निर्देश पर अब जिले भर में मोहल्ला क्लास शुरू कर दिया है। शनिवार को बकरीद की छुट्टी के बावजूद कई जगहों पर मोहल्ला क्लास लगाई गई। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मार्च महीने से ही स्कूल बंद हैं। गर्मी की छुट्टी बीत गई और स्कूल खुलने की अवधि के डेढ़ माह बाद तक स्कूलों में ताले लटके हुए हैं। सरकार ने अब तक स्कूल खोलने की इजाजत नहीं दी है। इस बीच बच्चों को पढ़ाना भी जरूरी है। सरकार ने पढ़ाई तुंहर दुआर योजना शुरू की है, पर वनांचल जिला जशपुर में गांव-गांव के बच्चों को इससे जोड़ना मुश्किल हो रहा था। ग्रामीण परिवारों में मोबाइल नहीं होना, एक मोबाइल पर कई बच्चे और नेटवर्क कनेक्टिविटी के अभाव के कारण पढ़ाई तुंहर दुआर योजना से 1 प्रतिशत बच्चे ही जुड़ पा रहे थे। इसे देखते हुए जशपुर ब्लाक में मोहल्ला क्लास की शुरुआत की गई। बच्चे पढ़ाई से दुबारा जुड़ सकें और उनके नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो सके इसलिए हर मोहल्ले में क्लास लगाने की इस योजना में जिले भर में काम शुरू कर दिया गया है। 3 दिन में ही सौ से अधिक मोहल्लों में पाठशाला लग चुकी है।
पढ़ाते समय बरत रहे हैं यह सावधानी
मोहल्ला क्लास में सावधानी बरती जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी एन कुजूर ने बताया कि मोहल्ला क्लास में बच्चों को मास्क पहनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठाया जा रहा है। साथ ही हर क्लास में उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को बुलाया जा रहा है। शिक्षकों की कोशिश है कि बच्चों के हर मोहल्ले कवर हो जाएं। बच्चों तक पाठ्यपुस्तक व गणवेश पहुंचाने का काम भी जिले में चल रहा है। हर क्लास में बच्चेां को कोरोना वायरस से बचाव के उपाय भी बजाए जा रहे हैं।