मनरेगा के अनुमेय कार्य अंतर्गत कृषक कर रहे सामूहिक बाड़ियों में लेमन ग्रास का उत्पादन, केवीके के सहयोग से होगी लाखों की आमदनी
लेमन ग्रास तेल हेतु जिला प्रशासन ने स्थापित कराया आसवन संयंत्र
कोरिया-कोरिया जिले में सगंध फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने हेतु महात्मा गांधी नरेगा के अनुमेय कार्य पड़त भूमि विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विकासखंड बैकुंठपुर के ग्राम दुधनिया में 12 एकड़ तथा विकासखंड मनेंद्रगढ़ के गोठान ग्राम लाई में 12 एकड़ भूमि पर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लेमन ग्रास का उत्पादन किया जा रहा है। जो कृषकों के लिए लाखों की आमदनी के जरिया बनेगी। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी योजना – नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बाड़ी के अंतर्गत कोरिया जिले में कलेक्टर श्री एस एन राठौर के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र दवारा सामूहिक बाड़ी विकास की संकल्पना को साकार करने के लिए मनरेगा के अंतर्गत यह प्रयास जिले में किया जा रहा है।
ग्राम दुधनिया तथा गौठान ग्राम लाई में कृषकों को संगठित कर घरों के समीप पड़त भूमि की जोतों को सामूहिक रूप से मिलाकर लेमन ग्रास का उत्पादन स्थापित फलदार पौधों की मातृवाटिका में अंतरवर्तीय खेती के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। चयनित पडत भूमि की मृदा गुणवत्ता सगंध व मसाला फसलों की खेती के अनुरूप होने के कारण लेमन ग्रास की कृष्णा प्रजाति ड्रिप सिंचाई में माह मार्च व अप्रैल में लगाया गया है।
लेमन ग्रास उत्पादन से कृषकों को होगी लाखों की आय
कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी ने बताया कि लेमन ग्रास की उन्नत प्रजाति मध्यम ऊंचाई वाली अधिक टिलर एवं अधिक बाओमास (25-28 मीट्रिक टन/हेक्टेयर) तथा सगंध तेल की उपज (100-120 लीटर/हेक्टेयर) तक प्राप्त होती है। लेमन ग्रास की प्रथम कटाई जुलाई-अगस्त में की जा रही है। लेमन ग्रास के खेती 4 से 5 साल तक एक बार लेमन ग्रास लगाने उपरांत की जा सकती है तथा प्रत्येक वर्ष 60-70 दिन के अंतराल पर 4 से 5 कटाई की जा सकती है। प्रति वर्ष चार कटाई से लगभग 100-120 लीटर तेल प्राप्त किया जा सकता है। अगर एक लीटर तेल 1200 से 1300 रूपये प्रति लीटर बिके तो भी सामूहिक बाड़ी से कृषकों को तकरीबन एक लाख तक मुनाफा आसनी से मिलेगा। एक हेक्टेयर लेमन ग्रास की खेती में शुरू में 30,000-40,000 रू. की लागत आती है। खर्च निकालने के बाद 1 हेक्टेयर से सामूहिक बाड़ी से प्रतिवर्ष 70 हजार से एक लाख 20 हजार तक का शुद्ध मुनाफा हो सकता है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल से एक साल पश्चात करीब 3.0-3.5 लाख स्लीप प्राप्त होगा। जो 5-6 हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपित किया जा सकेगा। सामूहिक बाड़ी से 0.75 पैसे प्रति स्लीप की दर से करीब 2.25-2.60 लाख प्रति हेक्टेयर तक की आमदनी होगी। कुल 24 एकड़ लेमन ग्रास के रकबे से अनुमानित प्रति वर्ष 6 से 10 लाख की शुद्ध आमदनी लेमन ग्रास से तथा 0.75 पैसे प्रति स्लीप की विक्रय दर से अनुमानित प्रति वर्ष 20-25 लाख प्राप्त होगी।
खरीफ 2020-21 में विकासखंड-बैकुंठपुर के ग्राम-उमझर में 13 एकड तथा विकासखंड-मनेंद्रगढ़ के ग्राम-विश्रामपुर में 25 एकड़ में से आदिवासी कृषकों की स्थापित फलदार मातृवाटिका की सामूहिक बाड़ी में 10-10 एकड़ में खास प्रजाति – सिम वृद्धि की खेती तथा इसी तरह विकासखंड मनेंद्रगढ़ के ही ग्राम-शिवगढ़ में 14 एकड़ तथा ग्राम ताराबहरा में 12.5 एकड से 10-10 एकड़ में लेमन ग्रास प्रजाति-कावेरी तथा सिम शिखर की खेती प्रारम्भ की गयी है। सीम शिखर केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौध संस्थान, लखनऊ दवारा विकसित की गई नई किस्म है जिसमें 20-30 प्रतिशत तक ज्यादा तेल प्राप्त होता है। सामूहिक बाड़ी के शेष रकबे में वर्ष भर टपक सिंचाई विधि से सब्जी का उत्पादन के साथ साथ सब्जियों का बीज उत्पादन कार्य्रक्रम भी लिया गया है।
जिला प्रशासन ने स्थापित कराया आसवन संयंत्र
लेमन ग्रास तेल निकालने हेतु केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौध संस्थान, लखनऊ के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया में आसवन संयंत्र की स्थापना की गई है। जिसकी क्षमता 500 किलोग्राम फ्रेश हर्ब्स प्रति बैच (प्रतिदिन दो से तीन बैच तथा प्रति बैच 3 से 4 लीटर तेल का निष्कासन प्रारंभिक चरणो में तदुपरांत 6 से 7 लीटर सगंध तेल प्राप्त होगा) की सगंध तेल प्राप्त होगा। ताकि कृषकों दवारा उत्पादित लेमन ग्रास व खस का सगंध तेल थ्च्व् के माध्यम से निष्कासन कर विपणन की कड़ी को शासकीय या अशासकीय संस्थानों से जोड़ कर कृषकों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हो सके। भविष्य में लेमन ग्रास तेल से स्वयं सहायता समूह द्वारा साबुन, अगरबत्ती एवं इत्र बनाया जाएगा।