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अंडरब्रिज में 25 फीट पानी, वाल्टेयर लाइन खतरे में

रायपुर- किसी अंडरब्रिज के अधूरे निर्माण की वजह से बारिश में हालात कितने खतरनाक हो सकते हैं, यह फाफाडीह क्रासिंग के पास देखे जा सकते हैं। यहां फोरलैन तथा ऊंचे ट्रकों की हाइट के हिसाब से अंडरब्रिज बनाने का काम तीन साल पहले शुरू हुआ और व्यस्त वाल्टेयर लाइन के ठीक नीचे 8 मीटर से ज्यादा गहरा गड्ढा बनाकर नीचे सड़क का आकार दिया गया। इसके बाद लोहे के गर्डर वगैरह का स्ट्रक्चर बनाकर ढलाई शुरू होनी थी पर काम रुक गया। यह करीब डेढ़ साल से रुका है। इस बार लगातार बारिश की वजह से रेललाइन के ठीक नीचे अंडरब्रिज का यह गहरा गड्ढा भरते-भरते पानी अब पटरियों से नीचे वाली सतह को छूने लगा है। इस लाइन पर अभी पैसेंजर ट्रेनें बंद हैं, लेकिन रोजाना 30 से ज्यादा भारी और लंबी मालगाड़ियां गुजर रही हैं, इसलिए अंडरब्रिज के ऊपर वाला पटरी का हिस्सा धंसने का खतरा हो गया है। रेलवे आनन-फानन में दोनों किनारों पर गिट्टी भर रहा है, ताकि पटरियों को सपोर्ट मिल सके।
मौके पर पहुंची भास्कर टीम ने पाया कि अंडरब्रिज का हिस्सा छोटे और गहरे तालाब में बदल गया है, जिसके ठीक ऊपर से पटरियां गुजर रही हैं। यह वाल्टेयर लाइन है, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा एक्सप्रेस-पैसेंजर चलती हैं। यही लाइन करीब 10 किमी आगे से नई राजधानी के लिए मोड़ी जा रही है। लोगों ने बताया कि बरसात की शुरुआत से अंडरब्रिज में पानी भरने लगा था। धीरे-धीरे गहराई लगभग 25 फीट हो गई है और ब्रिज का स्टील का ढांचा ही 90 फीसदी से ज्यादा डूब चुका है। हैरतअंगेज ये है कि अंडरब्रिज बनाने वाला ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी, दोनों की ही अनदेखी से खतरा बढ़ गया। रेलवे ने भी तब हड़बड़ाकर सुरक्षा के ऊपाय किए, जब पटरियां धंसने का खतरा सामने आ गया।

अंडरब्रिज अधूरा रहने से फाफाडीह क्रासिंग रोज जाम
यह अंडरब्रिज रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे के लिए बनाया जा रहा है, क्योंकि यहां चौबीसों घंटे ट्रैफिक दबाव रहता है। सुबह से रात तक लगभग हर आधा घंटे में यह क्रासिंग लंबी और धीमी मालगाड़ियों के कारण 15 मिनट से ज्यादा समय गुजरने में लगाती हैं और सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लगती है। अक्सर यह लाइन क्लीयर नहीं हो पाती और दूसरी मालगाड़ी आने से फाटक फिर बंद कर दिए जाते हैं। शनिवार को शाम पांच बजे भी इस क्रॉसिंग पर लंबा जाम लगा और लोग घंटों फंसे रहे।

पानी निकालने की मनाही
अंडरब्रिज साइट पर देखरेख करने वाले गार्ड ने भास्कर को बताया कि पानी निकालने के लिए यहां पंप है, लेकिन इसे चलाने से मना किया गया है। पीडब्ल्यूडी ने भी अब तक पानी निकालने के लिए नहीं कहा है। करीब 30 करोड़ रुपए की लागत वाले इस फोरलेन अंडरब्रिज का काम 3 साल से बंद है। इसे जीएस एक्सप्रेस नाम की कंपनी बना रही थी और काम अधूरा रह गया था। अब जानकारों का दावा है कि पानी भरने से अब तक हुआ काम बेकार हो गया है। अर्थात, पूरा स्ट्रक्चर फिर से बनाना होगा।

ठेकेदार को नोटिस 
“फाफाडीह क्रॉसिंग अथवा आरवी-1 पर अधूरे पड़े अंडरब्रिज के ठेकेदार को गड्ढे से पानी निकालने कहा गया है। इसके लिए नोटिस भी दिया गया है।”
-शिरीष पड़ेगावकर, ईई, पीडब्ल्यूडी-ब्रिज डिजीजन

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