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वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर महिलाएं हो रही है आर्थिक रूप से मजबूत

बलरामपुर-बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में गोठानों को आजीविका के केंद्र के रूप में विकसित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दी गई है। गोठान में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बहुद्देश्यीय लक्ष्य प्राप्त हो रहे हैं तथा समाज का प्रत्येक वर्ग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इससे लाभान्वित हो रहा है। जिले के गोठानों में संचालित प्रमुख गतिविधियों में से एक वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार कर महिला समूह आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है। वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से एक ओर जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है वहीं दूसरी ओर महिलाओं को खाद के विक्रय से अच्छी आय प्राप्त होने से उनका मनोबल बढ़ा है।

सुराजी गांव योजनांतर्गत जिले के गोठानांे में प्रारम्भ से ही राष्ट्रीय आजीविका मिशन समूह की महिलाएं अजीविकामूलक कार्य कर रही है। प्रशासन द्वारा महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का प्रशिक्षण प्रदान कर इस क्षेत्र में संभावनाओं की जानकारी दी गई ताकि महिलाएं स्वतः स्फूर्त होकर इससे जुड़ जाएं। स्व-सहायता के महिलाओं ने बताया कि राज्य शासन द्वारा गोधन न्याय योजना प्रारम्भ करने से खाद निर्माण के कार्य को गति मिली है। संसाधनों की सहज उपलब्धता से लागत और समय की बचत हो रही है। सीधे गोठान में गोबर प्राप्त होने से पशुपालक को आय तो प्राप्त होगी साथ ही खाद की उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी। जिले में गोधन न्याय योजना के प्रारंभ होते ही निर्धारित मूल्य में गोबर क्रय किया जा रहा है। स्व सहायता समूह की महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर वृहद पैमाने में खाद निर्माण भी प्रारम्भ हो चुका है।

प्रशासन के प्रयास का सकारात्मक प्रभाव दिखने लगा है, अब महिलाएं खाद उत्पादित कर अच्छी आय प्राप्त कर रही है। महिलाओं ने स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर गोठान में बने वर्मी टांके में खाद तैयार किया है। विकासखण्ड राजपुर के ग्राम लडुवा की जमुना समूह तथा गोपालपुर की संग सहेली समूह की महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन कर 75600 रुपए की आय प्राप्त की है। जमुना समूह की महिलाओं का कहना है कि गोठान बनने के बाद हमें वर्मी कम्पोस्ट बनाने और उससे होने वाले लाभ के बारे में बताया गया। गांव के घरों में पहले से ही गोबर खाद का निर्माण होता था, किंतु बड़े पैमाने पर व्यवस्थित ढंग से निर्माण तथा आय के बारे में जानकारी मिलने पर हम लोगो की रुचि बढ़ी। उचित प्रशिक्षण और प्रशासनिक मार्गदर्शन एवं सहयोग ने हमारा हौसला बढ़ाया है। महिलाओं ने गोधन न्याय योजना को जनहितैषी बताते हुए शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

cgnewstime

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