सालभर पहले सीएस बने आरपी मंडल नवंबर में होंगे रिटायर, सीनियर अफसरों की कमी का दिया हवाला
रायपुर – राज्य सरकार ने सीएस आरपी मंडल को 6 महीने का एक्सटेंशन देने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। कोरोना संक्रमण की स्थिति और सीनियर अफसरों की कमी के मद्देनजर सीएम भूपेश बघेल की मंजूरी के बाद केंद्र को प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि केंद्र में भाजपा की सरकार होने के कारण इस बात की भी चर्चा है कि एक्सटेंशन में दिक्कत आ सकती है। इससे पहले लोकसभा चुनाव की वजह से सुनील कुजूर के एक्सटेंशन के लिए भी केंद्र से मंजूरी मांगी गई थी, जिस पर केंद्र ने सहमति नहीं दी। कुजूर के रिटायर होने के बाद सालभर पहले सरकार ने मंडल को सीएस बनाया। मंडल इस साल 30 नवंबर को रिटायर होंगे। मार्च से लेकर अब तक वे केंद्र से को-ऑर्डिनेशन के साथ-साथ राज्य में कोरोना की व्यवस्था के लिए डटे हुए हैं। यही वजह है सरकार ने उन्हें 6 माह का अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है।
केंद्र को भेजे प्रस्ताव में सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में विपरीत हालात का जिक्र किया है। यह भी कहा है कि सीनियर अफसरों की कमी है। नियमानुसार यूपीएससी की सहमति से केंद्र सरकार छह माह का एक्सटेंशन दे सकती है। पिछले दिनों गुजरात के सीएस अनिल मुकीम को 6 माह का एक्सटेंशन दिया गया है। मुकीम 85 बैच के अफसर हैं। उनका कार्यकाल 31 अगस्त को खत्म होने वाला था। गुजरात सरकार ने भी कोरोना के फैलाव और नियंत्रण के लिए प्रशासनिक जरूरतों को देखते हुए मुकीम को एक्सटेंशन देने की वकालत की थी, जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया।
गुजरात को केंद्र की भाजपा सरकार का फायदा
जानकारों का कहना है कि गुजरात और छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिस्थिति में फर्क है। गुजरात में भी भाजपा की सरकार है। ऐसे में फैसला आसानी से हो गया। मंडल से पहले कुजूर के एक्सटेंशन के प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी नहीं दी थी, इसलिए रिटायरमेंट के बाद सरकार ने कुजूर को सहकारिता आयोग का अध्यक्ष बनाया। मंडल के बाद अब अमिताभ जैन, रेणु पिल्लै और सुब्रत साहू हैं। जैन 89, पिल्लै 91 और सुब्रत 92 बैच के अफसर हैं। हालांकि इन अफसरों के रिटायरमेंट में अभी काफी समय है। जैन 2025 और पिल्लै व सुब्रत 2028 में रिटायर होंगे।