जिलों की कार्यकारिणी के लिए पीसीसी मांग रही 31 नाम, 100 की सिफारिश
रायपुर – 18 महीने पहले सत्ता में आई कांग्रेस के संगठन में भी नियुक्तियों को लेकर जोड़तोड़ और नाराजगी उभरने लगी है। इस वजह से जिला कांग्रेस अध्यक्ष पांच महीने बाद भी अपनी कार्यकारिणी नहीं बना पा रहे हैं। यही स्थिति पीसीसी की भी है। इस जोड़तोड़ में जिला कार्यकारिणी के लिए जिलों से 100 से ज्यादा नामों की सूची भेजी जा रही है जिस पर पीसीसी ने अड़ंगा लगाते हुए सिर्फ 31 नाम भेजने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल मोहन मरकाम ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के छह महीने बाद पीसीसी की कार्यकारिणी के साथ 36 जिला कांग्रेस अध्यक्षों की सूची भी जारी की थी। नए अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जिले में संगठन के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें जिला बॉडी में पद जरुर मिलेगा। इसी उम्मीद के साथ नए अध्यक्षों ने भी जिलेभर के सक्रिय पदाधिकारियों के नाम शामिल कर अपनी भारी-भरकम सूची तैयार कर पीसीसी को भेज दी है। लेकिन पीसीसी ने जिलाध्यक्षों से बड़ी सूची की बजाय सिर्फ छांटकर सिर्फ 31 लोगों के नाम भेजने के निर्देश जारी किए हैं। पीसीसी के इस नए दिशा-निर्देश के बाद से जिलाध्यक्ष भी चिंता में हैं कि किसे छोड़े और किसे रखें।
अगले चुनाव तक काम करेगी नई बॉडी : पीसीसी की इस निर्देश से जिलों की सक्रिय राजनीति में अपनी भूमिका निभा रहे नेता सरकार के किसी भी निगम-मंडल आयोग में सदस्य बनने के सपने देख रहे हैं। वहां पर यदि नाम नहीं आया तो उन्हें जिले की बॉडी में सम्मानजनक पद की आस भी बनी हुई है लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो निश्चित ही पार्टी में बगावती तेवर भी नजर आएंगे। जिलाध्यक्षों के सामने दुविधा इस बात को लेकर भी है कि कहीं छांटकर नाम भेजने के बाद जिले में बवाल न हो जाए। क्योंकि यही चुनी हुई बॉडी ही आगामी चुनाव तक काम करेगी।
चुनाव के समय बनाए जाते हैं 31 पदाधिकारी
पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि जब संगठन के चुनाव किए जाते हैं तब ही 31 पदाधिकारियों की नियुक्तियां की जाती हैं। लेकिन अभी संगठन के काेई चुनाव नहीं हैं इसलिए अभी जिले की बॉडी में मनोनयन किया जाना है। चूंकि 15 साल बाद सरकार बनने के बाद हो रहे पदों के टोटे के बीच यदि सक्रिय नेताओं को संगठन में भी पद नहीं मिलेगा तो नाराजगी होना स्वाभाविक है।