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तीन दिनों में 35 लोगों की मौत, आईसीयू फुल, गंभीर मरीजों का इलाज भी सामान्य वार्डों में इसलिए बढ़ गईं मौते

रायपुर – राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ने की वजह से ज्यादातर अस्पतालों में आईसीयू फुल हो गए हैं। इस वजह से कई गंभीर मरीजों का इलाज सामान्य आइसोलेशन वार्डों में करना पड़ रहा है। इसी का नतीजा है कि पिछले तीन दिनों में 35 लोगों की कोरोना से जान गई है, उनमें से 15 का इलाज गंभीर हालत के बावजूद सामान्य आइसोलेशन वार्ड में ही चल रहा था। विशेषज्ञों के अनुसार गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन से लेकर वेंटीलेटर की जरूरत होती है। एम्स व अंबेडकर अस्पताल का आईसीयू पैक है। इसलिए मजबूरन ऐसे मरीजों का इलाज भी वार्ड में किया जा रहा है।
प्रदेश में 3 सितंबर को 13 मरीजों की मौत हुई, जिनमें अधिकतर राजधानी में ही भर्ती थे। इनमें 5 मरीज आइसोलेशन वार्ड में थे। आइसोलेशन वार्ड सामान्य वार्ड ही है, जिसमें लक्षण यानी सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों को भर्ती किया जाता है। एम्स में पारसनगर के 74 वर्षीय, कुम्हारी के 51 वर्षीय मरीज की मौत हुई। इसी तरह अंबेडकर अस्पताल में रावांभाठा के 27 वर्षीय युवक, भिलाई के 65 वर्षीय व मठपुरैना के 52 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से जान गई। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, डायबिटीज, किडनी व निमोनिया जैसी बीमारी थी। सवाल उठता है, निमोनिया व किडनी से पीड़ित कोरोना मरीज का इलाज आईसीयू के बजाय आइसोलेशन वार्ड में किया गया। डॉक्टरों का इस संबंध में कहना है कि आईसीयू में बेड पैक रहता है इसलिए मजबूरी में मरीजों का इलाज आइसोलेशन वार्ड में करना पड़ता है। ऐसे में मरीजों की मौत भी हो रही है। 1 व 2 सितंबर को भी जिन मरीजों की मौत हुई, वे कोरोना के साथ गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।
अंबेडकर में बढ़ेंगे 40 आईसीयू बेड
अंबेडकर में आईसीयू में 40 बेड बढ़ाए जाएंगे। अभी वहां 60 बेड है, जो पूरी तरह पैक है। वहां मरीजों के लिए कुल 500 बेड है, जिसे 700 बेड करने की योजना है। आईसीयू में बेड बढ़ जाने के बाद गंभीर मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आइसोलेशन वार्ड में किसी की मौत होती है तो यह बुरी स्थिति है। गंभीर मरीजों को आईसीयू मिलना चाहिए।

“अंबेडकर अस्पताल में आईसीयू बेड बढ़ाए जा रहे हैं। अब ज्यादा गंभीर मरीज आ रहे हैं। आईसीयू में बेड बढ़ने से राहत मिलेगी।”
-डॉ. आरके पंडा, सदस्य कोरोना कोर कमेटी

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