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एक्सप्रेस-वे के पांचों फ्लाईओवर दोबारा बनेंगे, ठेकेदार को उठाना होगा 40 करोड़ रु का खर्च

रायपुर – राजधानी के सबसे चर्चित निर्माण यानी एक्सप्रेस-वे के पांचों फ्लाईओवर की मरम्मत नहीं होगी, बल्कि सभी को पूरी तरह तोड़कर फिर बनाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन पुलों को बनाने में 40 करोड़ रुपए का खर्च आने वाला है। अब तक इन पुलों के निर्माण और मरम्मत पर करीब 15 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान था क्योंकि पुलों के कई हिस्सों को तोड़ने के बजाय फिर से इस्तेमाल करने की तैयारी थी। शासन की एजेंसी ने न केवल इस प्रस्ताव को खारिज किया, बल्कि ठेकेदार को चेतावनी दे दी कि सभी फ्लाईओवर दोबारा नहीं बनाए गए तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद ठेकेदार ने सभी पुलों को दोबारा बनाने पर सहमति जता दी है। फ्लाईओवर एक-एक बनेंगे और काम हफ्ते-दस दिन में शुरू किया जाने वाला है।
एक्सप्रेस-वे छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीआरडीसी) की देखरेख में बना है। इसका निर्माण आयरन ट्रायंगल लिमिटेड नाम की कंपनी ने किया था। सभी फ्लाईओवर को दोबारा बनाने का निर्देश एक तरह से कंपनी पर जुर्माना माना जा रहा है। यह प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना होगा। सीआरडीसी ने साफ कर दिया कि पूरी रकम निर्माण एजेंसी को ही खर्च करनी होगी। यह काम एक कंसल्टेंट एजेंसी की देखरेख में शुरू किया जाएगा। सीआरडीसी ने कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए टेंडर किया था। इसमें देश की तीन नामी कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिसमें सबसे कम रेट वाली कंपनी चुन ली गई है। 7 सितंबर को नई कंसल्टेंट कंपनी को तैनात करने का आदेश जारी होगा। इसी की देखरेख में एक्सप्रेस-वे के सभी पुलों का निर्माण किया जाएगा। सीआरडीसी के बोर्ड ने तय किया है कि भले ही फ्लाईओवर बनाने में कुछ समय लगे, लेकिन गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा।

गारंटी अनुबंध में फंसी कंपनी
एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लापरवाही के आरोप में शासन पहले ही अलग-अलग एजेंसियों के आधा दर्जन से ज्यादा अफसरों को सस्पेंड कर चुका है। निर्माण एजेंसी को इसी शर्त पर ब्लैकलिस्ट होने से छूट मिली है कि वह फिर से पुलों को नए सिरे से बनाएगी। टेंडर के अनुबंध में भी प्रोजेक्ट हैंडओवर होने के बाद 3 साल तक मेंटेनेंस का गारंटी पीरियड है। इस अवधि में कोई भी गड़बड़ी होने पर जिम्मेदारी ठेकेदार की ही है, इसलिए निर्माण एजेंसी को पांचों पुल नए सिरे से बनाने पर सहमति देनी पड़ी।

निर्माण होगा एक-एक कर
माना जा रहा है कि पांच में से तेलीबांधा फ्लाईओवर सबसे पहले बनेगा। इसके बाद शंकरनगर, पंडरी, देवेंद्र नगर और फाफाडीह के पास बने एक्सप्रेस-वे के फ्लाईओवर तोड़कर नया ढांचा तैयार होगा। तेलीबांधा के बाद वाले पुल का अधिकतर हिस्सा तोड़ दिया गया है और काम जल्द शुरू होगा। पांचों फ्लाईओवर का डिजाइन अलग रहेगा। हर फ्लाईओवर के जमीन की मिट्टी का परीक्षण नए सिरे से किया गया है। मिट्टी की गुणवत्ता के हिसाब से ही पिलर व रिटेनिंग वाॅल बनेंगी।

“एक्सप्रेस-वे के पांचों फ्लाईओवर बनाने में अब गुणवत्ता पर फोकस होगा। निर्माण लागत चाहे जितनी भी हो, निर्माण एजेंसी को ही वहन करनी होगी। यह एक तरह से एजेंसी पर निर्माण में हुई लापरवाही का जुर्माना है।”
-विलास भोसकर संदीपन, एमडी-सीआरडीसी

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