30 जिलों में एससी कुर्मी-साहू को बनाया अध्यक्ष, केवल एक महिला को मिली जिम्मेदारी
रायपुर – भाजपा ने संगठन के 30 जिलों में से 27 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है। अब जो सबसे बड़ी बात सामने आ रही है, वह है 27 में सिर्फ एक एससी, कुर्मी और साहू को जिलाध्यक्ष बनाना। यहां तक कि सिर्फ एक महिला को अध्यक्ष बनाया गया है। अब रायपुर ग्रामीण, दुर्ग और भिलाई से एससी, कुर्मी और साहू तीनों वर्गों के दावेदार जोर लगा रहे हैं। 15 साल बाद विपक्ष में बैठी भाजपा में संगठन को लेकर ही कई तरह के विवाद सामने आ रहे हैं। जब विक्रम उसेंडी प्रदेश अध्यक्ष थे, तब संगठन में चुनाव की शुरुआत हुई थी। उस समय 18 जिलों के अध्यक्षों के नाम घोषित किए गए, जबकि तीसरी बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद विष्णुदेव साय ने 12 में से 9 जिलाध्यक्षों के नाम तय किए हैं। इनमें मरवाही उपचुनाव के मद्देनजर गौरेला पेंड्रा मरवाही में एडहॉक कमेटी बनाई गई है। अब बचे हुए तीन जिलों में प्रतिनिधित्व के लिए काफी खींचतान मची हुई है। 90 विधानसभा में से तीन दर्जन सीटों पर हार-जीत तय करने वाले साहू और कुर्मी समाज से एक-एक अध्यक्ष बनाए गए हैं। गरियाबंद से राजेश साहू और जांजगीर-चांपा से कृष्णकांत चंद्रा को जिले की कमान दी गई है।
संगठन में जातिगत समीकरण नहीं
भाजपा संगठन व आरएसएस से जुड़े नेताओं का मानना है कि संगठन में जातिगत समीकरण के हिसाब से अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की जाती है। इसके विपरीत कार्यकर्ताओं का कहना है कि 15 साल की सरकार के बाद सिर्फ 15 सीटों पर सिमटी पार्टी को ऊपर उठाने के लिए जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर नियुक्तियां करनी थी। बता दें कि कई जिलों में नियुक्तियों को लेकर बड़े स्तर पर विवाद सामने आए हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह, रायपुर सांसद सुनील सोनी, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय अपने क्षेत्र में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। जिलाध्यक्षों के नाम तय करने से पहले सांसदों से रायशुमारी नहीं करने की बात भी सामने आ रही है। रेणुका सिंह से तो जिला कार्यकारिणी बनाने में भी राय नहीं ली गई।
जिलाध्यक्ष एक नजर में
- सामान्य – 12
- ओबीसी – 08
- एससी – 01
- एसटी – 06
- महिला – 01
कांग्रेस के 7, भाजपा में एक महिला
जातिगत समीकरण के साथ-साथ महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने की बात भी आ रही है। भाजपा ने पूर्व संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी को महासमुंद से जिलाध्यक्ष बनाया है, जबकि कांग्रेस ने महासमुंद समेत 7 जिलों में महिलाओं को कमान सौंपी है। इनमें सुकमा, कांकेर, बालोद, भिलाई, कोरबा, महासमुंद और सूरजपुर शामिल है। इस लिहाज से भाजपा ने महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व नहीं दिया। इसे लेकर संगठन के नेताओं में भी कई तरह की बातें हैं। कुछ नेता यह तर्क दे रहे हैं कि विपक्ष में होने के कारण आक्रामक आंदोलन-प्रदर्शन में महिलाओं को काम करने में दिक्कत आएगी। इस वजह से ज्यादा जिलों में महिलाओं को मौका नहीं दिया जा सका।