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स्टील प्रोडक्ट के दामों में 6 हजार रुपए प्रति टन का इजाफा, कंपनी पाट सकती है 1200 करोड़ का घाटा

भिलाई – सेल वर्तमान वित्त वर्ष (2020-21) में भले ही 1270.27 करोड़ के घाटे में रहा, लेकिन उसके बाद मई से देश में स्टील मार्केट जोर पकड़ने लगा है। इस दौरान न केवल स्टील प्रॉडक्ट की डिमांड बढ़ने लगी, बल्कि उसके दामों में भी करीब 6 हजार टन की वृद्धि हुई है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि दूसरी तिमाही में कंपनी पहली तिमाही के घाटे को पाटने में सफल हो जाएगी। लंबे समय बाद वर्ष 2019 के अंतिम तिमाही में स्टील मार्केट ने जोर पकड़ना शुरू किया था, जिसका फायदा सेल को मिला और पहले दो तिमाही घाटे में रहने के बाद भी कंपनी करीब 2 हजार करोड़ के साथ लगातार दूसरे साल प्रॉफिट में रहने में कामयाब रहा। जैसे ही नया वित्त वर्ष शुरू हुआ देश कोरोना महामारी की चपेट में आ गया। इस दौरान लॉकडाउन की वजह से करीब दो महीने तक मार्केट लगभग बंद रहा।

अब डिमांड को पूरा करने की चुनौती
लॉकडाउन के दौरान मार्केट बंद होने के कारण स्टील प्रॉडक्ट की डिमांड लगभग खत्म हो गई थी। केवल रेलपांत जैसे एक्सक्लूसिव प्रॉडक्ट की ही डिमांड रह गई थी। अब जब मार्केट में अन्य उत्पादों की भी डिमांड बढ़ने लगी है, बीएसपी सहित सेल की अन्य इकाइयों के सामने उन डिमांड को पूरा करना बड़ी चुनौती बन गई है।

उत्पादन बढ़ाने कमेटियों का गठन
स्टील प्रॉडक्ट की डिमांड बढ़ने के बाद सेल प्रबंधन इस अवसर को खोना नहीं चाहता, इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रबंधन ने कमर कस ली है। बीएसपी में उत्पादन बढ़ाने के लिए ईडी वर्क्स राजीव सहगल ने तो पांच कमेटियों का गठन किया है। जिसका मकसद उत्पादन वृद्धि में आ रही बाधा को दूर करना होगा। इसमें प्रबंधन की ओर से अधिकारियों के साथ-साथ यूनियन प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है।

घट रही कंपनी की देनदारियां, अब भी है 1270 करोड़ का घाटा
पहली तिमाही में कंपनी भले ही 1270 करोड़ के घाटे में है लेकिन इस दौरान सेल की देनदारियां 1020.80 करोड़ कम हुई है। मसलन मार्च 2020 में कंपनी पर 85320.43 करोड़ की देनदारियां थी। वहीं जून 2020 में कंपनी पर 84299.56 करोड़ की देनदारियां ही रह गई है। इनमें सबसे अधिक देनदारी बीएसपी पर 8289.05 करोड़ की है। वहीं सबसे कम देनदारी विश्वेश्वरैया स्टील प्लांट पर 52.98 करोड़ की है।

दूसरे हफ्ते में ही हॉट मेटल का उत्पादन 14 हजार पार स्टील प्रॉडक्ट के उत्पादन में वृद्धि को लेकर बीएसपी प्रबंधन के प्रयासों का असर भी दिखाई देने लगा है। नए वित्त वर्ष शुरू होने के पांच महीने बाद प्लांट में हॉट मेटल का उत्पादन 14 हजार टन को सितंबर के दूसरे सप्ताह पार किया। यह इसलिए संभव हो सकता क्योंकि ब्लास्ट फर्नेस 5 भी डेढ़ साल के कैपिटल रिपेयर के बाद उत्पादन में आ गया है। फर्नेस 6 के भी जल्द उत्पादन में लाने की तैयारी हो चुकी है।

बीएसपी ने किया सबसे अधिक कारोबार
पहली तिमाही में बीएसपी ने अन्य इकाइयों के मुकाबले सबसे अधिक कारोबार किया। अप्रैल से जून की अवधि में उसने 3125.56 करोड़ के प्रोडक्ट बेचे। हालांकि पिछली तिमाही जनवरी से मार्च के बीच 5433.56 करोड़ का कारोबार किया था।

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