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राजधानी में काेराेना का पहला पीक टाइम गुजरा, अब दूसरा दौर नवंबर

रायपुर-राजधानी में 17 सितंबर को कोरोना के 1109 मरीज मिले और इसके साथ ही पहला पीक गुजर गया, क्योंकि संक्रमितों का आंकड़ा इसके आगे नहीं बढ़ा अलबत्ता लगातार कम होने लगा। 20 अक्टूबर तक मरीजों की संख्या 110 तक पहुंच गई। मरीज मिलने के ट्रेंड को देखते हुए विशेषज्ञ मान रहे हैं कि रायपुर का पहला पीक 17 सितंबर को निकल गया। अब अगले महीने के पहले सप्ताह से दूसरा दौर शुरू होने आसार हैं। हालांकि देश के बड़े शहरों में जिस तरह का ट्रेंड रहा है, उससे माना जा रहा है कि यहां भी दूसरा दौर पहले पीक से एक-डेढ़ महीने बाद आए लेकिन पहले से कमजोर होगा। मरीजों की औसत संख्या भी आधी ही रहने के आसार हैं।

छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रकोप अगस्त से बढ़ा और 17 सितंबर को पीक पर पहुंचा। इसी दौरान उत्तरप्रदेश और ओडिशा में कोरोना पीक पर रहा। दिल्ली में जरूर दूसरा दौर शुरू हो गया। महाराष्ट्र में भी कोरोना मरीजों की संख्या दोबारा बढ़ी। यानी वहां भी दूसरा दौर लौटा। हालांकि दूसरे दौर में रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या पहले दौर की तुलना में काफी कम रही। रायपुर में 17 सितंबर को सबसे अधिक 1109 मरीज मरीज मिले और उसके बाद से संख्या कम होने लगी। अक्टूबर आते आते हालात बिलकुल बदल गए। 1 अक्टूबर के बाद से 500 से कम मरीज मिल रहे हैं। 17 अक्टूबर को 190 मरीज मिले, जो 17 अगस्त के बाद मिले थे। यानी दो माह बाद मरीजों की संख्या 200 से कम हुई थी। पिछले तीन दिनों से 200 से भी कम मरीज मिल रहे हैं।

दूसरा दौर इसलिए
कोरोना कोर कमेटी के सदस्यों व विशेषज्ञों का आंकलन है कि ठंड में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। वह इसलिए, क्योंकि कम तापमान कोरोना के वायरस के लिए अनुकूल हो सकता है। कोरोना स्वाइन फ्लू जैसे वायरस से फैलने वाली बीमारी है, इसलिए ठंड में संक्रमितों की संख्या बढ़ने की संभावना अधिक है। इसलिए जांच के सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है। ठंड में जांच के दौरान जो कोरोना संक्रमित नहीं पाए जाएंगे, उनकी स्वाइन फ्लू जांच की जाएगी। कोरोना व स्वाइन फ्लू की जांच के लिए स्वाब की जरूरत पड़ती है। डॉक्टरों का कहना है कि जिनमें लक्षण हैं, ऐसे लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद भी स्वाइन फ्लू की जांच जरूरी है। सरकार की मंजूरी के बाद लोगों की सरकारी और निजी लैब में कोरोना जांच होने लगेगी। हालांकि निजी लैब में जांच के लिए शुल्क देना होगा।

“प्रदेश में कोरोना का पीक निकल गया है। ठंड में कोरोना का दूसरा दौर आ सकता है। इसके बावजूद ऐहतियात बरतनी होगी।”
-डॉ. आरके पंडा, सदस्य कोरोना कोर कमेटी

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