कवर्धा : चंद्रायण अस्पताल की मान्यता रद्द कर जिला प्रशासन कोरोना संक्रमितों को रख रहा इलाज से वंचित, जानियें क्या है पूरा मामला, सड़क पर लेटे मरीज

कवर्धा । कोरोना संक्रमित जिले में बिस्तर के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इसी बीच रायपुर रोड स्थित चंद्रायण हॉस्पिटल कवर्धा के बाहर का नजारा देख हैरानी होगी। क्योंकि यहां एक ही परिवार के 5 सदस्य अपना इलाज कराने आए थे और उन्हें साफ इंकार कर दिया गया कि यहां कोरोना का इलाज नहीं होगा। जबकि पहले यहां इलाज हो रहा था और रिकवरी रेट भी अच्छी है।
आखिर ऐसा क्या हुआ कि अस्पताल ने कोरोना मरीजों का इलाज करने से इंकार कर दिया ?
क्या है पूरा मामला –
जिला प्रशासन ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल को दी गई अनुमति रद्द कर दी है। इस आदेश के बाद चंद्रायण हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमितों का इलाज बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीज अस्पताल के बाहर लेटने को मजबूर हैं, जहां एक तरफ जिले में कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है। ऐसे समय में इस तरह की स्थिति उत्पन्न होना एक सवालिया निशान खड़ा करता है।
जिला प्रशासन को कोस रहें मरीज –
मरीजों का कहना है कि हम अस्पताल में इलाज कराने आए हैं क्योंकि जिले के सरकारी अस्पतालों में जगह नहीं है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि हम यहां इलाज नहीं कर सकते क्योंकि यह जिला प्रशासन का आदेश है। मरीजों ने कहा इस महामारी के समय हमें इलाज से वंचित रखा जा रहा है। बिना इलाज के हम यही पर मर जाएंगे, हम आखिर कहां जाएं?
यहां तक मरीजों ने कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को अल्टीमेटम भी दिया है कि यदि उनकी मौत कोरोना से हो जाती है, तो वे ही जिम्मेदार होंगे।
क्या है कलेक्टर का आदेश –
दरअसल, कलेक्टर के आदेश के बाद कवर्धा चंद्रायण हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमितों का इलाज नहीं हो रहा है। उनके द्वारा यहां कोरोना इलाज के लिए दी जाने वाली अनुमति रद्द कर दी गई है। बकायदा इसके लिए आदेश भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया कि अस्पताल में लापरवाही बरती जा रही है और मरीजों से अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं। साथ ही सरकारी पोर्टल में पूरी जानकारी अपडेट नहीं करने की भी बात कही गई है।
चंद्रायण हॉस्पिटल में क्रिटिकल मरीज भी हो रहे स्वस्थ –
बता दे कि चंद्रायण हॉस्पिटल में अब तक 110 क्रिटिकल मरीजों की भर्ती की गई, जिसमें से 70 स्वस्थ हो चुके हैं। इसी भरोसे की वजह से मरीज यहां अपना इलाज कराने आ रहे हैं। जहां जिले में बिस्तरों की कमी है। वही, चंद्रायण अस्पताल में मरीजों का इलाज बहुत ही सही तरीके से किया जा रहा है। अस्पताल के बाहर खड़े मरीजों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द यहां कोरोना संक्रमितों के इलाज की अनुमति वापस दी जाए, ताकि यहां सभी का इलाज हो सके।
बहरहाल, मरीज यहां विश्वास से इलाज कराना चाहते हैं और जिला प्रशासन इसे रोक रहा है। यदि अस्पताल प्रबंधन से किसी प्रकार की गलती हुई भी है तो यह मरीजों कि जिंदगी से बढ़कर तो नहीं होगी ना, तो मरीजों को इलाज से वंचित क्यों किया जा रहा है? जबकि यहां की रिकवरी रेट सबसे अच्छी है। हमारा मानना है कि अस्पताल प्रबंधन की गलती को लेकर कोई ना कोई कार्यवाही की जानी चाहिए लेकिन सीधे मरीजों के इलाज पर रोक उन्हें मौत की ओर धकेलना हुआ।