कबीरधाम। वर्षों से पलायन का खेल जिले में चल रहा है, इसका कारण है मजदूरों को अपने क्षेत्र में बेहतर मजदूरी नहीं मिलना। यहां सरकार रोजगार देने के लिए कई तरह की योजना लाती है, लेकिन अच्छी मजदूरी नहीं देती। इसकी वजह से मजदूर लेबर एजेंट के संपर्क में आ जाते हैं व पलायन कर जाते हैं और उन्हें काम की जगह बंधक बनाकर शोषित किया जाता है।
दरअसल, पूरा मामला कुकदूर थाना अंतर्गत पंडरीपानी का हैं, जहां 13 आदिवासी लोगों को मजदूरी कराने पिटारी का एजेंट लेकर गया। इन आदिवासियों में 4 नाबालिग भी शामिल है। अब वहां पर उन्हें बंधक बना लिया गया है और गन्ना कटाया जा रहा हैं। वह अपने घर वापस आने चाहते हैं लेकिन जान से मारने की धमकी देकर उन्हें वहां से आने नहीं दिया जा रहा हैं।
परिजनों ने बताया –
थाने में शिकायत लेकर आए परिजनों ने बताया कि पिटारी का एजेंट उन्हें महाराष्ट्र लेकर गया है, जहां पर गन्ना कटाई कराई जा रही है। यदि काम नहीं करते तो खाना नहीं दिया जाता व वापस आने भी नहीं दिया जा रहा है। फोन भी छीन लिया गया है किसी एक ने फोन छुपा कर रखा था, जिससे परिजनों को बताया।
बंधक बनाए गए सभी आदिवासी मजदूर इस वक्त खानपुर में है, जो कि महाराष्ट्र में है। मजदूर जब घर जाने की बात करते हैं तो ठेकेदार कहता है कि तुम्हारा एजेंट पैसा भरकर नोट लेकर गया है तो तुम घर कैसे वापस जा सकते हो जब तक हमारा काम नहीं होगा।
एएसपी मनीषा ठाकुर रावटे ने बताया –
इस पूरे मामले में एएसपी मनीषा ठाकुर रावटे ने बताया कि हमें थाना कुकदुर को पीड़ित परिजनों से सूचना मिली 10 आदिवासी मजदूरों को कृषि कार्य के नाम पर लेकर जाया गया और वहां पर बंधक बना लिया गया है, जहां से उन्हें वापस नहीं आने दिया जा रहा है। इसे लेकर थाने में आवेदन दिया गया है मामला गंभीर होने के कारण तत्काल कलेक्टर से बातचीत की गई और लेबर डिपार्टमेंट और पुलिस डिपार्टमेंट की एक टीम बनाई गई, जो रवानगी के लिए तैयार है। सभी को सुरक्षित वापस जल्द से जल्द ला लिया जाएगा।
लेबर एजेंट बन कैसे हो रहे है मालामाल –
जिले के हर गांव क्षेत्र में एक लेबर एजेंट होता है, जिसे लोग (सरदार) कहते है इनका काम होता है अन्य राज्य के ईटा भट्टा, कारखाना, उद्योग, हार्टिकल्चर जैसे तमाम कार्य जिसमें अच्छी खासी मजदूरों की आवश्यकता होती है। लेकबर एजेंट (सरदार) इनके मैनेजर या मालिक के सम्पर्क में रहते है और उन्हें जितना मजदूरों की जरूरत होती है उतने मजदूरों के हिसाब से 500 से लेकर 1000 तक मजदूरी कार्य देख कर रेट तय कर एडवांस पैसा लेबर एजेंट (सरदार) अपने खाते में मंगवा लेता है।
लेबर एजेंट मजदूरों को दिखाते है बड़े सपने –
लेबर एजेंट गांव के मजदूरों को बताता है कि आपको महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, गुजरात जैसे कई राज्यों में काम करना है, जहाँ रहने को मकान, भर पेट तीन टाइम खाना और हफ्ते का हफ्ता में मजदूरी की भुगतान नगद दिया जाएगा। मिस्त्री का दर 500 रुपए रोजी और लेबर का दर 300 रुपए रोजी के हिसाब से मिलेगा। इस तरह से बाते बताकर लोगों को तैयार कर कुछ एडवांस पैसा देकर यहाँ से बस बैठारकर अन्य राज्य भेज दिया जाता है।
शोषण होने पर छुप छुपाकर भगते है मजदूर –
हर साल इस तरह के शिकायत लेकर लोग अपने क्षेत्र के थाना पहुँचते है, जहां बताते है हम लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है। जैसे तैसे हम छुप कर जान बचाकर भागे है और अन्य साथी अभी बंधक है उन्हें भी छुड़वाया जाए, जिनमें नाबालिग की संख्या अधिक होती है।
प्रशासन को उठाना होगा कड़ा कदम –
प्रशासन को जिले में घूम-घूम कर लेबर सप्लाई कर रहे एजेंट के ऊपर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। लॉकडाउन के समय यहां के कई मजदूर दूसरे राज्य में फंसे थे। उस दौरान भी लेबर एजेंटों ने अपने आपको अंडर ग्राउंड कर लिया ताकि लेबर उनसे किसी भी प्रकार की मदद की गुहार ना लगा सकें।
आखिर कब तक मजदूरी के नाम पर लेबरों कोई ज्यादा पैसे का लालच देकर दूसरे राज्य में भेज शोषण कराया जाएगा। सरकार को इस पर ध्यान देकर कड़ा कदम उठाना चाहिए। लेबर एजेंटों पर कोई प्रशासनिक कार्यवाही नहीं होने के कारण उनके हौसले आज इतने बुलंद है, जिसका भुगतान मजदूरों को भुगतना पड़ रहा हैं।