गेवरा/दीपका। एसईसीएल के एक कर्मचारी की धर्मपत्नी की आंखों की रोशनी केवल इसलिए चली गई क्योंकि समय पर एसईसीएल अस्पताल के डॉक्टर ने उपचार नहीं किया। इसके लिए कोरोना का बहाना किया गया। दूसरे अस्पताल में पहुंचने पर बताया गया कि उपचार में विलंब होने के कारण अब आप बाहर की दुनिया नहीं देख सकेंगे।
दरअसल, एसईसीएल गेवरा परियोजना में सॉवेल ऑपरेटर के पद पर काम करने वाले प्रदीप देवांगन बेलटिकरी बसाहट के निवासी हैं। देवांगन की धर्मपत्नी निर्मला देवांगन को दाहिनी आंख की रोशनी में समस्याएं थी। 1 जनवरी 2022 को इसी सिलसिले में उन्होंने एसईसीएल की गेवरा एनसीएच में नेत्र विशेषज्ञ डॉ. रामलाल से संपर्क किया था।
कर्मचारी काफी उम्मीद के साथ यहां पहुंचा था लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका। संबंधित डॉक्टर ने कर्मचारी को सुविधा देने के वेल्लूर के लिए रेफर कर दिया। संबंधित कागजात तैयार करने के लिए वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. वर्मा से संपर्क किया गया। इस डॉक्टर ने कोरोनाकाल का कारण बताते हुए इनकार कर दिया।
परेशानी और बढ़ने पर कर्मचारी देवांगन रायपुर स्थित गणेश विनायक नेत्र चिकित्सालय में जाकर अपनी पत्नी को दिखाया। उस दौरान बताया गया कि मरीज के उपचार और यहां तक पहुंचने में काफी विलंब हो चुका है। इसलिए आंखों की रोशनी का इलाज संभव नहीं है। इस स्थिति में निर्मला देवांगन के सामने समस्याएं खड़ी हो गई है और बाहरी दुनिया को देख पाना संभव नहीं होगा।
एसईसीएल कर्मचारी ने पेशे से न्याय नहीं करने और कोरोना की आड़ लेकर दिग्भ्रमित करने पर थाना प्रभारी दीपका से शिकायत की है और प्रावधान के अंतर्गत कार्रवाई करने की मांग की है।